जीविका चलाने के लिए मजदूरी का काम करने लगे
युवतियों ने अपना नाम न छापने की बात कहते हुए बताया कि, हम सब अलग-अलग परिवार से तालुक रखते है और उनके माता-पिता का देंहात होने के बाद उन्हें जब घर पर कोई रखने को तैयार नहीं हुआ तो वे भटकते हुए जिला मुख्यालय पहुंच गए और यहॉ अपनी जीविका चलाने के लिए मजदूरी का काम करने लगे। इसी बीच उन्होंने बंधापारा में मकान बना लिया और यही रहकर अपना गुजर बसर कर रहे हैं।
माता पिता को छोडक़र पूरा परिवार है
युवतियों ने बताया किए हमारे घर के आसपास बने जितने भी मकान व सरकारी भवन है उसमें उन्होंने भी काम किया हैं। इतने सालों बाद यदि कोई हमें यहॉ से बेदखल कर देगे तो हम युवतियां कहॉ जाकर रहेगी। ये कहती है किए हमारे घरों में माता पिता को छोडक़र पूरा परिवार है, लेकिन अब वे हमे पंसद नही करते और यही वजह है कि अब हम लोग यहॉ अनाथों की तरह रहने मजबूर हैं।
इसी जगह हुआ था वाद-विवाद
इसी बंधापारा इलाके में बने सरकारी जमीन पर मकानों को बकायदा नोटिस देने के बाद पिछले दिनों जब जिला प्रशासन का तोडू दस्ता घरों को तोडऩे पहुंचा था तब किसी ने विधायक मोहन मरकाम को इसकी सूचना दे दी थी। इसके बाद यहॉ तोडूदस्ते की टीम में शामिल अधिकारियों के साथ विधायक व कांग्रेसी नेताओं के बीच जमकर बहसबाजी हुई थी। हालांकि उस वक्त तो तोडू दस्ता मौके से बिना कोई कार्यवाही किए चलते बना था।