गांव में विकास तो नहीं हुआ पर पहुंचे बैनर-पोस्टर
भले में पंचायत में सड़क व मूलभूत सुविधाओं का अभाव हो पर इस चुनावी माहौल में ग्राम कोंगेरा में भी देखने को मिल रहा हैं। यहां से चुने जाने वाले जनप्रतिनिधि भले ही गांव तक न पहुंच पाते हो पर चुनावी सीजन में उनके नामों व सिम्बाल वाले बैनर-पोस्टर बड़ी मात्रा में इस पंचायत में देखने को मिल रहे हैं। इससे यह तो तय ही रहा कि, ग्रामीण सजग है पर यहां के जनप्रतिनिधि ही इन्हें ध्यान नहीं देते। और यही वजह है कि, ग्रामीणों को सालों से मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं।
फिल्म के बाद जाना लोकतंत्र के महापर्व की महत्ता
फि ल्म न्यूटन में काम करने वाले कलाकार झुनुराम, राजमन नेताम, सुखधर, महेश ने बताया कि वे चुनाव की महत्ता को नहीं समझ पाए थे, लेकिन जब उन्होंने फि ल्म में काम किया तब इस पूरी प्रकिया को समझा और जाना। वो इस बार अपने सभी कार्य को छोड़कर मतदान करने जाने की बात कह रहे हैं। वहीं रनयी नेताम कहती है कि, हमारे फि ल्म में काम करने से पहले लोकतंत्र के इस महापर्व को समझ नहीं पाए पर आज हमें यह समझ आ गया है कि हमें लोकतंत्र के इस यज्ञ में अपने मतदान की आहुति डालनी चाहिए।