जिला मुख्यालय से तकरीबन 45 किमीलोटर दूर निकटवर्ती राज्य ओडि़सा से सटे ग्राम पंचायत ओडारगांव तक जिस रास्ते से विकास पहुंचाया जाना था वह रास्ता ही आज तक किसी भी सरकार के नुमाइंदों ने बनाना उचित नहीं समझा।
कोंडागांव•Oct 31, 2018 / 11:28 am•
Badal Dewangan
जिस रास्ते से विकास पहुंचता है, इस गांव के लिए वो रास्ता ही नहीं बना पाई कोई भी सरकार
रामाकान्त सिन्हा/कोण्डागांव. जिला मुख्यालय से तकरीबन 45 किमीलोटर दूर निकटवर्ती राज्य ओडि़सा से सटे ग्राम पंचायत ओडारगांव तक जिस रास्ते से विकास पहुंचाया जाना था वह रास्ता ही आज तक किसी भी सरकार के नुमाइंदों ने बनाना उचित नहीं समझा। शासन-प्रशासन में बैठे लोगों ने भले ही अश्वासन और यहां रहने वालों को उम्मीदे तो बहुत बंधाई पर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीण चमरूराम, रामु, शिवराम की माने तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो या फिर कांग्रेस की किसी ने भी चुनाव खत्म होने के बाद गांव की तरफ रूख करना उचित ही नहीं समझा। रविवार की दोपहर जब टीम पत्रिका अमरावती होते हुए बेलगंाव तक पहुंची तो यहां तक तो शासन-प्रशासन की सुख-सुविधाएं उपरी तौर पर तो नजर आई, लेकिन जैसे ही ओडारगांव के राह पर चलना शुरू किया तो यह रास्ता जंगली और उबड़-खाबड़ है। ग्रामीणों ने बताया कि वे अपने गांव तक सड़क की मांग वर्षो से करते आ रहे हैं पर किसी ने आज तक सड़क बनाने रूचि ही नहीं दिखाई।
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