लेकिन मंगलवार की घटना के बाद लोग और भी सहम गए हैं। दंतैल हाथी सिंचाई कर्मी पर हमला करने के बाद जंगल में भागने के लिए यहां-वहां दौडऩे लगा। आसपास दुकान, हैंडपंप, बाड़ी लगी हुई थी। मुख्य मार्ग होने की वजह से लोगों का आना जाना लगा रहता है। अब लोग सुबह सात बजे से पहले और शाम पांच बजे के बाद इस इलाके में आना जाने से कतरा रहे हैं।
बुधवार को एतमानगर के दो हाथी बांगो बांध से लगे डुबान क्षेत्र में पहुंच गए थे। हालंाकि यहां कुछ देर घुमने के बाद हाथी जंगल की ओर लौट गए थे। एसडीओ प्रमिला यादव ने बताया कि कोरबी और एतमानगर दोनों जगह वन विभाग की टीम हाथियों पर नजर रख रही है। आसपास के बस्ती में मुनादी कराई जा रही है। ताकि जंगल की ओर लोग ना जाएं। दंतैल हाथी बालको रेंज से होते हुए करतला के समीप पहुंच गया है।
तुर्रीकटरा में बरपा हाथियों का कहर, फसल रौंदी– करतला वन परिक्षेत्र के ग्राम तुर्रीकटरा में हाथियों के झुंड ने उत्पात मचाया है। हाथियों के दल ने पांच किसानों की सब्जी की फसल को रौंद दी। हाथियों के उत्पात के कारण ग्रामीण सहमे हुए है। रातभर हाथियों की चिंघाड़ से गांव दहला रहा। दहशतजदा लोगों ने रतजगा कर रात गुजारी। हाथियों का अलग-अलग झुंड जिले के विभिन्न वन परिक्षेत्रों में विचरण कर रहा है।
दल से बिछड़े हाथी भारी उत्पात मचा रहे हैं। बीती रात हाथियों का एक दल करतला वन परिक्षेत्र के ग्राम तुर्रीकटरा में घुस आया। जहां गांव के किसानों ने अपनी बाड़ी में केले व अन्य सब्जी के फसल की खेती की है। पांच किसानों की बाड़ी में लगे सब्जी के फसल को हाथियों ने रौंद दिया है। इसके अलावा बाड़ी सिंचाई के लिए रखे गए टुल्लू पंप को भी हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है।