कई बार कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की गई है। लेकिन ये क्षेत्र इतने अधिक दूरदराज है कि अफसर जांच करने नियमित तौर पर नहीं पहुंच पाते। इसी का फायदा शिक्षाकर्मी, जनपद के अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी सहित अन्य उठाते हैं। शासन ने एक साल पहले पांचो ही ब्लॉक में ४४-४४ मकान के लिए स्वीकृति दी थी। काम का जिम्मा हाउसिंग बोर्ड को दी गई थी। हाउसिंग बोर्ड को फरवरी तक काम पूरा करना था। विभाग ने समय पर काम पूरा कर लिया है। अगले महीने इन मकानों को हैंडओवर कर दिया जाएगा।
अभी से आंबटन के लिए आवेदन जमा होना शुरू
सरकार मकानों को लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों में बेसब्री से इंतजार है। मकान पूरा होने से पहले ही इसके आंबटन के लिए कलेक्ट्रोरेट में आवेदन जमा करना शुरू कर दिया गया है। सबसे अधिक मांग कोरबा ब्लॉक मुख्यालय में है। दरअसल मुख्यालय होने की वजह से सभी विभागों के कर्मचारी है जो बाहर किराए पर रहते हैं। पहले से राजस्व विभाग, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई कॉलोनी में मकानों की संख्या कम है।
शांपिंग काम्पलेक्स भी
मकानों के साथ कॉलोनी में शापिंग काम्पलेक्स का भी निर्माण कराया गया है। ताकि कर्मचारियों को बाहर ना जाना पड़े। दुकान आवंटन के लिए भी विभाग पर प्रक्रिया शुरू करेगा। रोजमर्रा की चीजों को लेकर कर्मियों को आसानी होगी।
मेंटनेंस को लेकर तैयारी नहीं
सरकारी कॉलोनी में बाद में मरम्मत को लेकर समस्या आती है। हैंडओवर के बाद मकानों में आने वाली समस्याओं पर किसकी देखरेख में काम होगा। इसके आलावा रुटीन सफाई से लेकर स्ट्रीट लाइट व अन्य कार्यों को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। ताकि बाद में कर्मचारियों को परेशानी ना हो।