पाली थानेदार मानसिंह राठिया ने बताया कि बुधवार रात पुलिस टीम ने बेलगहना के ग्राम सुखेना में दबिश देकर लक्ष्मी गोंड़ को पकड़ लिया। उसे उठाकर पुलिस टीम पाली ले गई। यहां पूछताछ की गई। आरोपी ने तीनों की हत्या करना स्वीकार किया है। बताया है कि 20 मई की रात जमानत के रुपए को लेकर उसका विवाद पत्नी टिकैतिन बाई और मौसी सास रामकुमारी से हुआ था। विवाद के बीच लक्ष्मी ने पत्नी और मौसी सास रामकुमारी को चरित्रहीन बताया था। इससे विवाद और बढ़ गया था।
उनके बीच मारपीट हुई थी। लक्ष्मी ने ट्रेलर का टायर खोलने वाले पाना से पहले पत्नी टिकैतिन फिर मौसी सास रामकुमारी के सिर और चेहरे पर हमला किया। घर में हो रहे शोर को सुनकर 72 साल की बुर्जुग महिला चैती बाई पहुंची। लक्ष्मी ने उसे भी नहीं छोड़ा। पाना से उस पर भी हमला किया। इसके बाद आरोपी फरार हो गया था। चार दिन से पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी। उसके बेलगहना चौकी क्षेत्र के ग्राम सुखेना में छिपे होने की सूचना मिली थी। पुलिस रिश्तेदारों की मदद से लक्ष्मी पर नजर रख रही थी।
बुधवार रात पुलिस ने सुखेना स्थित लक्ष्मी की बहन नगेशिया बाई की मकान में छापामार कार्रवाई की। लक्ष्मी को पकड़ लिया। उसके खिलाफ पाली थाने में तीन महिलाओं की हत्या का केस दर्ज किया गया है।
मुनगाडीह गाजर नाला की घटना
घटना पाली थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित मुनगाडीह के करीब गाजर नाला के पास हुई थी। गाजर नाला पर टिकैतिन ने मकान बनाया था। मकान के सामने हिस्से में टिकैतिन ढाबा चलाती थी जबकि पिछले हिस्से में परिवार रहता था। टिकैतिन के साथ उसकी मौसी रामकुमारी अपने चार बच्चों के साथ रहती थी। घटना से दो दिन पहले रामकुमारी की मां चैती बाई भी बेटी के घर मिलने आई थी।
पत्नी और सास की हो गई थी मौके पर मौत
हमले में लक्ष्मी की पत्नी टिकैतिन बाई और मौसी सास रामकुमारी की मौके पर मौत हो गई थी जबकि घायल नानी सास चैती बाई की इलाज के दौरान पाली के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी।
तीनों ने पी थी शराब
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि 20 मई की रात लक्ष्मी ट्रेलर सीजी 12 एयू 0953 लेकर घर आया था। घर में तीनों ने शराब पी थी। इसके बाद रुपए को लेकर विवाद हुआ था। पहली पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस लक्ष्मी गोंड को एक साल पहले गिरफ्तार किया था।
जब लक्ष्मी गोंड जेल में बंद था। टिकैतिन और रामकुमारी ने उसकी जमानत के लिए पैसे दिए थे। लेकिन जेल से छूटने के बाद लक्ष्मी रुपए लौटाने को तैयार नहीं था। इसे लेकर शुरू हुए विवाद में शराब की नशे में धुत लक्ष्मी ने टिकैतिन और रामकुमारी को चरित्रहीन बताया और विवाह गहराने पर हत्या कर दी।