कटघोरा- बिलासपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण का काम चल रहा है। अभी यह कार्य बगदेवा से कटघोरा- बीच चल रहा है। इसके लिए ठेका कंपनी ने पुरानी सड़क को उखाड़ दिया है। नई सड़क बनाने के लिए बिजली घरों से निकलने वाली राख को गाड़ियों में लाकर डम्प किया है।
भारी मशीनों की मदद से राखड़ को सड़क पर बिछाया जा रहा है। ठेका कंपनी बारिश में भी सड़क निर्माण का काम कर रही है। इस बीच हफ्तेभर से हो रही बारिश के कारण सड़क पर रखा गया राख पानी के साथ किसानों की खेत में फैल गया है। इससे चैतमा, कांजीपानी, मुनगाडीह पंचायत में सड़क किनारे स्थित कई एकड़ खेतों को काफी नुकसान पहुंचा है। राखड़ युक्त पानी धान की खेत में समा गया है। इससे धान के पौधे गलने लगे हैं।
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दर्ज किया मृतक की मां का बयान, पुलिस हिरासत में हो गयी थी मौत
ग्रामीणों ने बताया कि आठ से 10 एकड़ की फसल को नुकसान राखड़ युक्त पानी से हुआ है। प्रभावित खेतों में इस साल धान की फसल होने की उम्मीद बेहद कम हो गई है। किसानों ने सोसाइटियों से खाद बीज और नकद पैसे लेकर खेती किया है। इस नुकसान से किसान परेशान हैं। उन्होंने पाली तानाखार के क्षेत्रीय विधायक मोहितराम केरकेट्टा से मिलकर अपनी समस्या को बताया है। नुकसान की भरपाई कराने की मांग की है। प्रशासन से भी मदद की आस लगाई है।
विधायक ने भी किसानों की मांगों को गंभीरता से लिया है। प्रशासन को अवगत कराकर समस्या का हल निकालने की बात कही है। जिन किसानों को नुकसान पहुंचा है, उसमें हरिचन्द, कृपाल, गीता राम, घांसी राम, बेचू सिंह, श्याम लाल, रामायण, रामनाथ, बिहारी, जीवन, कृष्णचंद, अमित कुमार, पांचो बाई, बहोरन, राम सिंह, कंवल सिंह, आनन्द राम, सन्त राम, अवध राम, सहस राम, विश्राम सहित अन्य किसान शामिल हैं।
गौरतलब है कि कटघोरा- बिलासपुर तक सड़क को फोरलेन में तब्दील करने का ठेका दिलीप बिल्डिकॉन को प्राप्त किया है। कंपनी अपना काम कर रही है। लेकिन कार्य के दौरान मापदंडों की अनदेखी से स्थानीय लोग परेशान हैं। ठेका कंपनी से नाराज हैं।