scriptवित्त मंत्रालय बैंक कर्मियों के इंक्रीमेंट बढ़ाने के सवाल पर खामोश, अब बड़े आंदोलन की तैयारी में बैंक यूनियन | Bank Union in the preparation of the movement | Patrika News
कोरबा

वित्त मंत्रालय बैंक कर्मियों के इंक्रीमेंट बढ़ाने के सवाल पर खामोश, अब बड़े आंदोलन की तैयारी में बैंक यूनियन

राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बावजूद वित्त मंत्रालय किसी प्रकार के समझौते के मूड में नहीं है और न ही बैंक कर्मियों की मांगों के प्रति सकारात्मक रुख दिखा रहा है।

कोरबाJun 12, 2018 / 10:44 am

Shiv Singh

वित्त मंत्रालय बैंक कर्मियों के इंक्रीमेंट बढ़ाने के सवाल पर खामोश, अब बड़े आंदोलन की तैयारी में बैंक यूनियन

वित्त मंत्रालय बैंक कर्मियों के इंक्रीमेंट बढ़ाने के सवाल पर खामोश, अब बड़े आंदोलन की तैयारी में बैंक यूनियन

कोरबा. बैंकों को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बावजूद वित्त मंत्रालय बैंक कर्मियों के इंक्रीमेंट बढ़ाने के सवाल पर खामोश है। ऐसे में अब बैंक कर्मचारी संगठनों के यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए १२ जून को चेन्नई में महत्वपूर्ण बैठक आहूत की है।
बैंक कर्मियों के वेतन में महज दो फीसदी के इंक्रीमेंट वृद्धि का प्रस्ताव होने से बैंक यूनियंस नाराज हैं। इनका कहना है कि केन्द्र सरकार की जनधन योजना,मुद्रा योजना से लेकर कई योजनाओं का कार्यान्वयन बैंककर्मी कर रहे हैं। नोटबंदी के वक्त भी रात में जग कर काम किया लेकिन जब इंक्रीमेंट की बात आयी तो प्रबंधन ने उम्मीदों को पूरी तरह से तोड़ दिया और उनके दिन रात के काम का सही आकलन तक नहीं किया। यही कारण है कि जब दो फीसदी इंक्रीमेंट का प्रस्ताव सामने आया तो विरोध में बैंक यूनियंस ने देश व्यापी दो दिन की हड़ताल की और सारा बैंकिंग सिस्टम ठप रहा। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बावजूद वित्त मंत्रालय किसी प्रकार के समझौते के मूड में नहीं है और न ही बैंक कर्मियों की मांगों के प्रति सकारात्मक रुख दिखा रहा है।
यह भी पढ़ें
शौचालय निर्माण घोटाला: अधिकारियों, सरपंच-सचिव सहित 12 लोगों से होगी लाखों की वसूली

यह बात अब बैंक यूनियंस वाले भी समझने लगे हैं। इसलिए अब वे बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। बैंक कर्मियों के संगठनों के यूनाइटेड फोरम ऑपॅ बैंक यूनियंस की १२ जून को चेन्नई में एक बैठक बुलायी गयी है। इस बैठक में सभी यूनियंस के पदाधिकारी एकत्रित होकर वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा कर आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। अभी तक इस रणनीति के बाबत किसी प्रकार के संकेत तो नहीं मिले हैं लेकिन माना जा रहा है कि इससे बैंक हड़ताल भी शामिल हो सकती है। बैंक यूनियंस के बिलासपुर संभाग के सचिव ललित अग्रवाल ने बताया कि बैंककर्मियों के इंक्रीमेंट को महंगाई की वृद्धि दर से देखा जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सालाना महंगाई दर से १० फीसदी है जबकि बैंक यूनियन इंक्रीमेंट की वृद्धि दर सिर्फ आठ फीसदी सालाना मांग रहे हैं। इस प्रकार पांच साल २०१७ से २०२२ तक ४० फीसदी इंक्रीमेंट वृद्धि की मांग कर रहे हैं लेकिन बैंक प्रबंधन इस पर ध्यान न देकर मात्र दो फीसदी इंक्रीमेंट वृद्धि का ऑफर दे रहा है।
&बैंक स्टाफ के इंक्रीमेंट संतोषजनक होना जरूरी है। सभी सरकारी योजनाओं का बेहतर कार्यान्वयन किया जा रहा है,इसके बावजूद मात्र दो फीसदी इंक्रीमेंट का ऑफर दिया जा रहा है। यह उचित नहीं है। आंदोलन के बाबत अगला फैसला यूनियन का केन्द्रीय नेतृत्व करेगा। एसके रजक, सचिव आल इंडिया एसबीआई ऑफीसर्स फेडरेशन कोरबा इकाई
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो