कोरबा

ग्रामीणों को एसईसीएल प्रबंधन पर भरोसा नहीं, बात बनी तो इस वर्ष चालू हो सकेगा सरायपाली खदान से कोयला उत्खनन

Saraipali Mine: सरायपाली खदान से चालू वित्तीय वर्ष में कोयला उत्खनन की उम्मीद, नौकरी व पुनर्वास की मांग पर पेंच

कोरबाApr 06, 2020 / 12:31 pm

Vasudev Yadav

ग्रामीणों को एसईसीएल प्रबंधन पर भरोसा नहीं, बात बनी तो इस वर्ष चालू हो सकेगा सरायपाली खदान से कोयला उत्खनन

कोरबा. एसईसीएल प्रबंधन ने प्रशासन और आम लोगों से सरायपाली खदान को चालू करने सहयोग की मांग कई बार की है। समस्या को दूर करने का आश्वासन भी दिया है। लेकिन कोयला खदान से प्रभावित अन्य गांवों की समस्या को देखकर सरायपाली खदान के लोगों को एसईसीएल प्रबंधन पर भरोसा नहीं है। अपनी समस्या के समाधान होने तक कोयला खनन के पक्षधर नहीं हैं। इस बार ग्रामीण व प्रबंधन के बीच बात बनती है तो सरायपाली खदान से कोयला उत्खनन शुरू किया जा सकेगा।
एसईसीएल की सरायपाली खदान से चालू वित्तीय वर्ष में कोयला खनन की उम्मीद है। आशा है कि नौकरी और पुनर्वास को लेकर फंसा पेंच इस वर्ष दूर होगा। इसके बाद कोयला खनन शुरू हो सकेगा। एसईसीएल की सराईपाली खदान से कोयला खोदने के लिए एसईसीएल प्रबंधन पिछले चार साल से तैयारी कर रहा है।
यह भी पढ़ें
पुलिस अधीक्षक ने कोविड-19 से निपटने इजाद किया नया ऐप, आइसोलेट किए गए संदिग्धों पर रहेगी नजर

ग्रामीणों की कई मांग को प्रबंधन मान चुका है। कुछ मांगें लंबित है। इसमें खदान से प्रभावित होने वाले सभी खातेदारों को नौकरी और पुनर्वास का मामला अहम है। हालांकि ग्रामीणों ने प्रबंधन को खदान से मिट्टी खोदने की अनुमति पिछले वित्तीय वर्ष में दी थी। प्रबंधन कोयला भी पिछले वित्तीय वर्ष में खोदना चाहता था, लेकिन पुनर्वास और नौकरी को लेकर ग्रामीणोंं की प्रबंधन से बात नहीं बनी थी। इसके बाद ग्रामीण प्रबंधन के खिलाफ हो गए थे। ग्रामीणों के विरोध से कोयला खनन की उम्मीद खटाई में पड़ गई।
इसके बाद से प्रबंधन कई बार कोयला खनन को चालू करने की कोशिश की। लेकिन हर बार ग्रामीणों ने विरोध किया। स्थानीय अफसरों की घेराबंदी की। तब से अभी तक खनन को लेकर पेंच फंसा हुआ है। प्रबंधन को उम्मीद है कि जिला प्रशासन के सहयोग से चालू वित्तीय वर्ष में समस्या का समाधान हो जाएगा। इसके बाद खनन शुरू करने की मदद मिलेगी।

नौकरी के लिए 321 खातेदार
सरायपाली खदान के लिए प्रबंधन ने विकासखंड पाली के गांव बुड़बुड़ और राहाडीह की जमीन का अधिग्रहण किया है। कंपनी की जमीन अधिग्रहण पॉलिसी के अनुसार बुड़बुड़ और राहाडीह के ३२१ उम्मीदवारों को कंपनी के अधीन नौकरी मिलनी है। कंपनी ने अलग अलग चरण में अधिकांश लोगों को नौकरी दी है। लेकिन कुछ लोग अभी भी बचे हुए हैं। इसमें वे खातेदार भी शामिल हैं, जिनके परिवार में नौकरी को लेकर सहमति नहीं बन सकी है।

परिवार में नौकरी पर नहीं बनी सहमति
विस्थापितों में कुछ ऐसे भी परिवार हैं, जिसमें नौकरी के एक से अधिक दावेदार हैं। लेकिन कोल इंडिया की नीति के अनुसार परिवार के एक ही सदस्य को नौकरी दी जा सकती है। इस कारण कुछ प्रभावित परिवारों के दस्तावेज नौकरी के लिए अभी तक जमा नहीं हो सके हैं।

Home / Korba / ग्रामीणों को एसईसीएल प्रबंधन पर भरोसा नहीं, बात बनी तो इस वर्ष चालू हो सकेगा सरायपाली खदान से कोयला उत्खनन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.