scriptरात के अंधेरे में ग्रामीणों की जमीन पर जेसीबी चलवा रहा थी कंपनी, ग्रामीणों को भनक लगते ही हुए एकजुट, काम कराया बंद | Company was running JCB on the land of villagers in the dark of night | Patrika News
कोरबा

रात के अंधेरे में ग्रामीणों की जमीन पर जेसीबी चलवा रहा थी कंपनी, ग्रामीणों को भनक लगते ही हुए एकजुट, काम कराया बंद

SECL: बसाहट और रोजगार की मांग सहित अन्य मुद्दों को लेकर एसईसीएल प्रबंधन को ग्राम भठोरा में भूविस्थापितों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

कोरबाDec 07, 2019 / 01:01 pm

Vasudev Yadav

रात के अंधेरे में ग्रामीणों की जमीन पर जेसीबी चलवा रहा थी कंपनी, ग्रामीणों को भनक लगते ही हुए एकजुट, काम कराया बंद

रात के अंधेरे में ग्रामीणों की जमीन पर जेसीबी चलवा रहा थी कंपनी, ग्रामीणों को भनक लगते ही हुए एकजुट, काम कराया बंद

कोरबा. गुरुवार की रात प्रबंधन ने अधिग्रहित जमीन पर दोबारा काम करने की कोशिश की लेकिन ग्रामीणों ने रोक दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक एसईसीएल प्रबंधन खदान से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए बसाहट और छोटे खातेदारों को रोजगार की समस्या दूर नहीं करता, तब तक विरोध जारी रहेगा। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए शुक्रवार को एसईसीएल प्रबंधन काम करने की हिम्मत नहीं जुटा सका।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिन से एसईसीएल प्रबंधन ग्राम भठोरा की जमीन पर जेसीबी व वाल्वो मशीनों को चलाकर समतल कर रहा है। ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि एसईसीएल प्रबंधन जमीन अधिग्रहण के दौरान लोगों से किए गए वादे को पहले पूरा करे, फिर जमीन पर कार्य चालू करे।
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ग्रामीणों ने बताया है कि एसईसीएल प्रबंधन ने बसाहट और रोजगार का वादा पूरा नहीं किया है। इसका विरोध किया जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से एसईसीएल प्रबंधन भठोरा की जमीन पर कार्य कर रहा था। इस बीच गुरुवार को लोगों ने कंपनी के काम को बंद करा दिया था। कार्य नहीं करने की हिदायत दी थी। ग्रामीण घर लौट गए थे।
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गुरुवार की रात प्रबंधन ने फिर जमीन समतलीकरण का कार्य दोबारा चालू कर दिया। जमीन पर चल रही मशीनों की लाइट को देखकर ग्रामीणों को अंदेशा हुआ। ग्रामीण मौके पर पहुंचे तब आठ से 10 मशीनें समतलीकरण के कार्य में लगी हुई थी। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। कार्य को बंद करा दिया। मशीनों को वापस ले जाने के लिए कहा। वर्ष 2014 में एसईसीएल प्रबंधन ने ग्राम भठोरा की लगभग 369 एकड़ जमीन कोयला खदान के लिए अधिग्रहित किया था। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिग्रहण के पांच साल पूरे होने को है फिर भी कंपनी के वादे अधेरे हैं।

निजी ठेका कंपनी कर रही काम
बताया जाता है कि एसईसीएल प्रबंधन ने ग्राम भठोरा में अधिग्रहित जमीन को समतलीकरण करने के लिए दीपका की एक निजी कंपनी को ठेका दिया है। इस कार्य में कंपनी लगी हुई है। खदान प्रभावित क्षेत्रों के मजदूरों को ही इस कार्य में लगाया गया है, ताकि ग्रामीणों के विरोध से बचा जा सके। प्रबंधन के इस नीति से ग्रामीण आक्रोशित हैं।

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