गुरुवार की रात प्रबंधन ने फिर जमीन समतलीकरण का कार्य दोबारा चालू कर दिया। जमीन पर चल रही मशीनों की लाइट को देखकर ग्रामीणों को अंदेशा हुआ। ग्रामीण मौके पर पहुंचे तब आठ से 10 मशीनें समतलीकरण के कार्य में लगी हुई थी। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। कार्य को बंद करा दिया। मशीनों को वापस ले जाने के लिए कहा। वर्ष 2014 में एसईसीएल प्रबंधन ने ग्राम भठोरा की लगभग 369 एकड़ जमीन कोयला खदान के लिए अधिग्रहित किया था। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिग्रहण के पांच साल पूरे होने को है फिर भी कंपनी के वादे अधेरे हैं।
निजी ठेका कंपनी कर रही काम
बताया जाता है कि एसईसीएल प्रबंधन ने ग्राम भठोरा में अधिग्रहित जमीन को समतलीकरण करने के लिए दीपका की एक निजी कंपनी को ठेका दिया है। इस कार्य में कंपनी लगी हुई है। खदान प्रभावित क्षेत्रों के मजदूरों को ही इस कार्य में लगाया गया है, ताकि ग्रामीणों के विरोध से बचा जा सके। प्रबंधन के इस नीति से ग्रामीण आक्रोशित हैं।