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कोरबा

चार विभाग मिलकर करेंगे काम तब पूरा हो सकेगा राताखार से गेरवाघाट एप्रोच रोड का निर्माण, रोजाना दुर्घटनाओं की बन रही संभावना

मामला राताखार बाइपास सडक़ से गेरवाघाट तक पहुंचाने वाली संकरे एप्रोच रोड का

कोरबाMay 14, 2019 / 07:40 pm

Vasudev Yadav

मामला राताखार बाइपास सडक़ से गेरवाघाट तक पहुंचाने वाली संकरे एप्रोच रोड का

चार विभाग मिलकर करेंगे काम तब पूरा हो सकेगा राताखार से गेरवाघाट एप्रोच रोड का निर्माण, रोजाना दुर्घटनाओं की बन रही संभावना

कोरबा. सीएसईबी चौक से ध्यानचंद चौक तक फोरलेन रोड का कार्य प्रगति पर है। यहां से भारी वाहनों का प्रवेश बंद होने के कारण दर्री से कोरबा आने के लिए गेरवा घाट पुल के रास्त राताखार होते हुए कोरबा तक पहुंचने के लिए एकमात्र विकल्प है।
अब जब दर्री-जमनीपाली की ओर जाने नहर मार्ग से होकर गेरवाघाट पुल को भारी वाहनों के आवागमन के लिए अनुमति दे दी गई है। लेकिन यहां ना तो सडक़ का निर्माण कराया गया है और न ही चौड़ीकरण। 740 मीटर नहर मार्ग पर एक तरफ 7 मीटर की खाई है तो दूसरी ओर बायीं तट नहर है। वर्तमान में इस मार्ग पर हर दिन जाम लग रहा है, और दुर्घटनाओं की संभावना बन रही है। बरसात के पहले यदि सडक़ का निर्माण नहीं कराया गया तो वाहनों के सफर करने का यह विकल्प भी समाप्त हो जाएगा। कच्ची सडक़ होने के कारण इस मार्ग से सफर करने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गरेवाघार पुल के दर्री छोर के एप्रोच रोड का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। लेकिन राताखार छोर पर एप्रोच रोड कच्ची व संकरा होने के कारण १३ करोड़ के लागत से बने गेरवाघाट पुल की उपयोगिता पर अब भी सवालिया निशान लगा हुआ है। हाल ही में अपनी पदस्थापना के बाद कलेक्टर किरण कौशल ने पुल का निरीक्षण करने के बाद पीडब्ल्यूडी, नगर निगम व सिंचाई विभाग को सर्वे करने कहा था। एसईसील को निर्देशित किया गया कि खदानों से निकलने वाली मिट्टी से संकरे मार्ग को चौंड़ा करेंं। जिसके बाद निगम द्वारा डामरीकरण करने की प्लानिंग थी। सिंचाई विभाग की देखरेख में यक काम होना है। इसे लेकर एक बैठक भी हुई थी। लेकिन आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण बात आगे नहीं बढ़ी एप्रोच रोड का निर्माण खनिज न्यास मद से कराने का विकल्प भी मौजूद है।

यह पेंच भी फंसा
गेरवाघाट पुल का निर्माण वर्ष 2012 में ही पूरा कर लिया था। काम लोक निर्माण विभाग सेतु निगम ने किया था। लेकिन किसी कारणपश एप्रोच रोड निर्माण के लिए तीन साल बाद इसके एप्रोच रोड का प्रस्ताव तैयार हुआ। पुराने ठेके में राताखार छोर का एप्रोच रोड भी शामिल था। ठेका कंपनी उत्तम कॉन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड रायपुर ने काम ही नहीं कराया। जिसके कारण सेतु निगम ने भुगतान रोक दिया था। इसे लेकर ठेका कंपनी ने हाईकोर्ट में मामला दायर किया है। जिसके कारण अब एप्रोच निर्माण के लिए पेंच फंसा हुआ है।

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