शुक्रवार की रात से वार्ड क्रमांक ३६ की सुमिता मुंडा डिलेवरी के लिए भर्ती कराया गया था। लेकिन शनिवार की सुबह तक उसकी डिलेवरी नहीं कराई गई। इसके विरोध में मितानिनों व पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया। अस्पताल में जमकर हंगामा किया गया। महिला को आनन-फानन में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां महिला ने बच्ची को जन्म दिया। लेकिन रविवार की सुबह बच्ची की मौत हो गई। बताया गया कि डिलेवरी में विलंब की वजह से बच्ची ने गंदा पानी पी लिया था।
World earth Day- जानिए किसने की ‘अर्थ डे’ की शुरुआत और कितना प्रभावित है प्रदूषण से ऊर्जाधानी इस वजह से उसकी मौत हुई। बच्ची की मौत का जिम्मेदार परिजनों ने जिला चिकित्सालय के चिकित्सक व स्टॉफ को बताया। जिसे लेकर बड़ी संख्या में मितानिनों व पार्षदों ने कोसाबाड़ी चौक में शाम चार बजे धरना दिया। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर रामपुर पुलिस, एसडीएम सहित अन्य अधिकारी पहुंचे। समझाइश के बाद लोग शांत हुए। सभी मितानिन व पार्षद अधिकारियों ने चंदा कर राशि एकत्र कर परिजनोंं को दिया। महिला अब भी आईसीयू में है। इसके इलाज मेें मदद को लेकर सभी आगे आए।
पार्षदों व मितानिनों की एक कमेटी बनी
फिर से कभी इस तरह लापरवाही किसी मरीज के साथ ना हो इसके लिए पार्षदों व मितानिनों ने एक कमेटी बनाई। जो कि अस्पताल में नियमित तौर पर निरीक्षण करेगी। व्यवस्था में कमी, चिकित्सकों की उपस्थिति समेत अन्य पहलुओं पर नजर रखेगी।