हाथी उत्पात से गांव में दहशत, रतजगा करने को मूजबूर हैं ग्रामीण
पोड़ीउपरोड़ा. वनमंडल कटघोरा अंतर्गत केंदई वन परिक्षेत्र अंतर्गत हाथियों के झुंड ने ग्राम पंचायत पाली के आश्रित ग्राम दर्रीपारा में सोमवार की रात चार ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा ग्राम पंचायत जल्के के आश्रित ग्राम पनगंवा में भी चार किसानों के मकानों को हाथियों ने तोड़ दिया है।
केंदई रेंज में करीब एक माह से 45 हाथी विचरण कर रहे हैं। क्षेत्र में निवासरत ग्रामीण हाथियों के उत्पात से काफी दहशत में हंै। ग्राम पंचायत कुल्हरिया के बनखेता पारा में चार ग्रामीणों के मकानों को सोमवार को हाथियों ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। ग्रामीण राम सिंह ने बताया कि हाथियों द्वारा रोजाना किसी न किसी ग्राम में किसानों के मकान और फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वन विभाग के कर्मचारी हाथियों को खदेडऩे में सफल नहीं हो पा रहे।
कड़ाके की ठंड में किसानों के घरों को तोड़े जाने से इनके सामने रहने की समस्या पैदा हो रही है। वहीं हाथियों के जमे होने से जान-माल के नुकसान का खतरा बना हुआ है। एक माह के भीतर दर्जन भर मकानों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। ग्रामीणों के मकानों को हाथियों द्वारा नुकसान पहुंचाने से लोग दूसरे के मकानों में शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं। ठंड में ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं।
पीडि़त अहिबरन सिंह ने बताया कि हाथी को भगवान गणेश का रूप मानकर ग्रामीण उनकी पूजा करते हैं, लेकिन हाथियों के उत्पात से हो रहे जान-माल के नुकसान से अब भगवान गणेश की पूजा भी कम करने लगे हैं। वन विभाग के आला अधिकारी और कर्मचारी हाथियों की निगरानी भी नहीं कर रहे, जिसके कारण हाथियों के आने की सूचना ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के झुंड की ओर टॉर्च दिखाने या आग जलता देख हाथी उसी ओर चिंघाड़ मारते हुए बढऩे लगते हैं। हाथियों से बचाव के लिए कोई ठोस उपाय विभाग के पास नहीं हैं।
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