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कोरबा

हाथियों की चिंघाड़ सुनते ही देर रात ग्रामीणों की तेज हुई धड़कनें, वन विभाग ने रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

Elephant Attack: बीती रात हाथियों ने पसान में खूब मचाया उत्पात, सात मकानों को हाथियों ने तोड़ा, लोगों में दहशत का माहौल

कोरबाMay 17, 2020 / 09:28 pm

Vasudev Yadav

हाथियों की चिंघाड़ सुनते ही देर रात ग्रामीणों की तेज हुई धड़कनें, वन विभाग ने रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

हाथियों की चिंघाड़ सुनते ही देर रात ग्रामीणों की तेज हुई धड़कनें, वन विभाग ने रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

कोरबा. तीन गांव में हाथियों (Elephants) के झुंड ने शनिवार की देर रात जमकर उत्पात मचाया। सात मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। हाथियों ने सब्जी बाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया। वन विभाग ने समय रहते लोगों को रेस्कयू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। अब भी हाथियों का झुंड इसी क्षेत्र में है। बीते कुछ दिनों से 32 हाथियों का झुंड पसान, केंदई, एतमानगर व जटगा रेंज के आसपास विचरण कर रहा है।
शनिवार की रात यह झुंड पसान रेंज में पहुंचा। यहां हाथियों के झुंड ने एक के बाद एक तीन गांव में उत्पात मचाया। बुधनीपानी, चिकनीपारा व देव भट्टी ग्राम में कुल सात मकानों को तोड़ दिया। कुछ जगह हाथियों ने मकानों के दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया, तो कुछ जगह दरवाजा तोड़कर अंदर जाने के फेर में मकानों को और भी नुकसान पहुंचा। सुखद पहलू यह रहा कि समय रहते वनअमले ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करा दिया गया था। लोगों में अब भी दहशत का माहौल है। हाथियों का झुंड आसपास के जंगल में विचरण कर रहा है।
हाथियों की चिंघाड़ सुनते ही देर रात ग्रामीणों की तेज हुई धड़कनें, वन विभाग ने रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
बच्चे और बुजुर्ग भाग नहीं सकते, इसलिए उन्हें सबसे पहले शिफ्ट कराया गया। देर शाम जैसे ही हाथियों के आने की सूचना मिली पसान रेंजर निश्चल शुक्ला व हाथी मित्र दल समेत पूरा स्टॉफ मौके पर पहुंचा। दरअसल इन गांवों में घरों की आपस की दूरी काफी अधिक है। रात मेें अंधेरा होने की वजह से परेशानी और भी अधिक थी। ऐसे में सभी घरों के बच्चे व बुजुर्गों को एक साथ वाहनों के माध्यम से सरकारी स्कूल में शिफ्ट कराया गया।

भूख से तिलमिला रहे हाथी
वन अमले के मुताबिक हाथियों का झुंड पर्याप्त आहार नहीं मिलने की वजह से परेशान है। गर्मी भी अधिक पड़ रही है। जहां भी हाथी मकान तोड़ रहे हैं वहां घर के अंदर रखे अनाज को खा रहे हैं। ग्रामीण भी अपने साथ अनाज को रेस्क्यू भवन साथ ले जा रहे हैं। जंगलों में पानी भी कम है। पसान, जटगा रेंज के बीच हाथियों का मूवमेंट जारी है।

खदेडऩे के लिए कई घंटे मशक्कत
हाथियों को खदेडऩे के लिए वन अमले को कई घंटे मशक्कत करनी पड़ी। गजराज वाहन से सायरन बजाकर खदेडऩे का प्रयास किया जा रहा था। काफी देर बाद झुंड को गांव से बाहर खदेडऩे मेें सफलता मिल सकी। रात में लोग मशाल लेकर रतजगा करते रहे।

इधर कुदमुरा में ट्रैंक्यूलाइज करने की चल रही तैयारी
इधर कुदमुरा रेंज में गणेश हाथी को ट्रैंक्यूलाइज करने की तैयारियां जोरों से चल रही है। कुमकी हाथी के देर रात तक पहुंचने की संभावना है। गणेश हाथी पर निगरानी रखी जा रही है। इसी हफ्ते विशेषज्ञों की टीम गणेश को कुमकी हाथी की मदद से नियंत्रित कर पहले ट्रंैक्यूलाइज किया जाएगा फिर कॉलर आइडी लगाया जाएगा।

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