दुकान के ऊपरी तल में लगे आग पर काबू पाने के लिए वहां तक पहुंचने में दमकल कर्मियों को काफी मशक्कत उठानी पड़ी। दरअसल अंदर संकरे सीढ़ी पर आग की लपटें आ रही थी और कोई दूसरा रास्ता वहां तक पहुंचने के लिए नहीं था। लिहाजा दुकान के सामने की भारी भरकम ग्लास को दमकल कर्मियों को तोडऩा पड़ा। इसके बाद आग पर काबू पाया गया। इस बीच आग से बचे सामानों को बाहर निकाला गया।
बिजली विभाग ने एक घंटे बाद बंद की मेन लाइन
इस दौरान बिजली विभाग की एक बड़ी लापरवाही भी सामने आई। दरअसल किरण फोम एंड फर्निशिंग संस्थान से ही लगा हुआ बिजली का खंभा है। जहां अव्यवस्थित तरीके से तार फैले हुए थे। आग बुझाने के लिए जब दमकल कर्मी पानी मार रहे थे। उस वक्त पानी बिजली तारों पर भी पड़ रहा था। ऐसे में करंट की संभावना बनी हुई थी। कई बार फोन करने के बाद विभाग ने एक घंटे बाद जाकर मेनलाइन को बंद किया।
कैसे लगी आग समझ नहीं आया : संचालिका
किरण फोम एंड फर्निशिंग संस्थान का संचालन किरण अग्रवाल करतीं हैं। इनके पिता दीनदयाल अग्रवाल व भाई दीपक अग्रवाल की कुछ दुकान आगे ही उनका संस्थान है। जिस समय दुकान में आग लगी। उस वक्त किरण अग्रवाल कुछ कर्मचारियों के साथ दुकान में थी। किरण ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि दुकान में आग कैसे लगी कुछ समझ में नहीं आया। उस समय कुछ ग्राहक दुकान में थे। अचानक धुंए आना शुरू हो गया। आग से लाखों रूपए का नुकसान है और आकलन जारी है।