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कोरबा

श्रीजी के साथ मूषक भी जरूरी, गणेश जी की बैठी हुई मुद्रा में पूजा करना ज्यादा फलकारी

Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी पर दो सितंबर को शहर सहित जिले भर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

कोरबाSep 01, 2019 / 07:51 pm

Vasudev Yadav

श्रीजी के साथ मूषक भी जरूरी, गणेश जी की बैठी हुई मुद्रा में पूजा करना ज्यादा फलकारी

श्रीजी के साथ मूषक भी जरूरी, गणेश जी की बैठी हुई मुद्रा में पूजा करना ज्यादा फलकारी

कोरबा. गणेशोत्सव की धूम सोमवार से गूंजने लगेगी। रविवार की शाम से ही गणेश प्रतिमाओं की खरीदी शुरू हो गई। लोगों में भगवान की प्रतिमा को लेकर भ्रांतियां होती हैं कि किस तरफ सूंड़ होनी चाहिए। प्रतिमा बैठी हुई ज्यादा फलकारी होती है कि खड़ी हुई। दरअसल भगवान श्रीगणेश की हर प्रतिमा शुभ फलकारी वाली होती है। बस प्रतिमा के हिसाब से पूजन की विधि थोड़ी कठिन हो जाती है।
भाद्रपक्ष शुक्ल चतुदर्शी को गणेश जी की प्रतिमाओं की स्थापना श्रद्धालुओं द्वारा घरों व पंडालों में सोमवार को संयोग से बन रहे अमृत योग में की जाएगी। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है और परिवार में आने वाले विघ्नों से बचाए रखने की प्रार्थना सोमवार को प्रतिमा स्थापना के साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा की जाएगी। नगरीय, उपगनरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में भगवान गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना कर धूमधाम से पूजा अर्चना कर स्थापित की जाएगी।
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श्रद्धालु, मूर्तिकारों द्वारा निर्मित छोटी-बड़ी प्रतिमाओं को वाहनों में रखकर उत्साहपूर्वक गणपति बप्पा मोरिया का जयकारा लगाते स्थापना स्थल तक ले जाने का सिलसिला रविवार की शाम से शुरू हो गया। शहर के पावर हाउस रोड, सीतामणी रोड, पुरानी बस्ती, अग्रेसन चौक सहित अन्य जगहों पर गणेशोत्सव की धूम रहेगी।

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बैठी मुद्रा में प्रतिमा ज्यादा फलकारी
भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा बैठी हुई मुद्रा में पूजा करना ज्यादा फलकारी मानी जाती है। दरअसल सिहांसन में बैठे हुए गणेश जी उस दौरान प्रसन्न और आराम के मुद्रा में होते हैं। इसके आलावा खड़े हुए प्रतिमा की पूजा खड़े होकर तो बैठी हुई प्रतिमा की पूजा बैठकर करनी चाहिए। बैठे हुए पूजा करने को शास्त्रों में उत्तम माना जाता है।

मूषक भी जरूरी
भगवान श्रीगणेश के साथ उनका वाहन मूषक भी बहुत जरूरी माना जाता है। एक तो मूषक भगवान श्रीगणेश जी का वाहन है तो दूसरी बात मूषक के स्वभाव के अनुरूप ही हमें भगवान का आर्शीवाद मिलता है। जैसे मूषक किसी भी समान को काट देते है कि वह नया हो या पुराना ठीक उसी प्रकार माना जाता है की भगवान भी खुश होकर पूरी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं।

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