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कोरबा

छात्रों को पावती देकर नहीं भेजा परीक्षा फॉर्म, अब पैसे वापसी के साथ लीपापोती का प्रयास

मामला ओपन स्कूल की परीक्षाओं में छात्रों को परीक्षा से वंचित करने का मामला
 

कोरबाMar 26, 2019 / 09:34 pm

Rajkumar Shah

मामला ओपन स्कूल की परीक्षाओं में छात्रों को परीक्षा से वंचित करने का मामला

छात्रों को पावती देकर नहीं भेजा परीक्षा फॉर्म, अब पैसे वापसी के साथ लीपापोती का प्रयास

कोरबा. ओपन स्कूल के अध्ययन केन्द्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करतला में छात्रों को परीक्षा से वंचित करने के मामले में अब लीपापोती शुरू हो गई है। छात्रों के घर पहुंचकर पैसे वापस किए जा रहे हैं।
दरअसल करतला में पैसे लेकर छात्रों को पावती प्रदाय तो किया गया लेकिन इनका फॉर्म बोर्ड को अग्रेषित नहीं किया गया। जिसके कारण नकल का ठेका लेने वालों की कलई खुल गई। पहली ही परीक्षा के दिन केन्द्र में जमकर हो हल्ला हुआ। ओपन स्कूल की १०वीं व १२वीं की बोर्ड की परीक्षाओं में फॉर्म बिक्री से लेकर परीक्षा में नकल और पास कराने तक का ठेका लिया जाता है। इसके लिए छात्रों से मूंहमांगा दाम भी वसूला जाता है। करतला में भी कुछ इसी तरह की तैयारी थी। ऐसे बच्चे जिन्होंने स्कूल प्रबंधन को पैसे दिए, उनका फॉर्म बोर्ड को पे्रषित किया गया। जिन्होंने पैसे नहीं दिए उनके फॉर्म स्कूल स्तर से ही नहीं भेजे गए। ऐसे कुछ फॉर्म अपर कलेक्टर द्वार जब्त किए जाने की भी सूचना मिल रही है। इस मामले में कोरबा जनपद की अध्यक्ष धनेश्वरी कंवर ने भी शिकायत करने की बात कही है। कंवर ने बताया कि मामला उजागर होने के बाद अब इसमें लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। जिन बच्चों से पैसे लेकर फॉर्म नहीं भेजे गए उन्हें पैसे वापस किए जा रहे हैं। कुछ बच्चों ने पैसे वापस ले भी लिया है, जबकि कुछ ने पैसे नहीं लिए हैं।

ओपन केन्द्रों में नकल का रहता है बोलबाला
ओपन स्कूल की परीक्षाओं में आमतौर पर नकल का बोलबाला रहता है। इस बात के पुख्ता तौर पर कोई साक्ष्य मौजूद नहीं होते, लेकिन इसकी जानकारी सभी को रहती है। नकल कराने का ठेका लेकर लाखों रूपए के वारे न्यारे कर लेने की शिकायत के बाद ही जिले के फरसवानी और माचाडोली जैसे ओपन स्कूल के परीक्षा केन्द्रों को पूर्व डीईओ डीके कौशिक के कार्यकाल में बंद किया गया था।

२.दोषियों के द्वारा बच्चों के घर पहुंचकर फीस वापस किया जा रहा है। चार बच्चे पावती लेकर मेरे पास आए थे। ऐसे ही लगभग ६० से ७० बच्चे हैं, जिनसे पैसे तो ले लिए गए लेकिन उनका फॉर्म अग्रेषित नहीं किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा ऐसा कृत्य शर्मनाक है। मेरे द्वारा इस मामले की शिकायत की जाएगी। दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
धनेश्वरी कंवर, जनपद अध्यक्ष कोरबा

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