scriptनिर्माण कार्य में झोल का वही पुराना पोल, डेढ करोड़ का भवन नहीं झेल पा रहा पहली बारिश | Korba: Building of 1.5 crore unable to face first mansoon | Patrika News
कोरबा

निर्माण कार्य में झोल का वही पुराना पोल, डेढ करोड़ का भवन नहीं झेल पा रहा पहली बारिश

14 माह पहले जिला पंचायत भवन के बाजू में पंचायत संसाधन केन्द्र बनाया गया
था। डेढ़ करोड़ रूपए की लागत से भवन तो बना दिया गया लेकिन गुणवत्ता के
मामले में अफसरों ने समझौता कर लिया।

कोरबाAug 02, 2017 / 10:38 am

Piyushkant Chaturvedi

Building of 1.5 crore unable to face first mansoon

Building of 1.5 crore unable to face first mansoon

कोरबा. 14 माह पहले जिला पंचायत भवन के बाजू में पंचायत संसाधन केन्द्र बनाया गया था। डेढ़ करोड़ रूपए की लागत से भवन तो बना दिया गया लेकिन गुणवत्ता के मामले में अफसरों ने समझौता कर लिया।

इसी का नतीजा है कि पहली ही बारिश में इस नए भवन के दीवारें दरकने लगी हैं। जगह-जगह सीपेज है। आने वाले दिनों में स्थिति ऐसी रही तो प्लास्टर उखड़कर गिरने भी लगेगा।

समाज विभाग से जब से पंचायत विभाग अलग हुआ है तब से इसके लिए अलग से भवन बनाने की मांग की जा रही थी। लिहाजा पिछले साल इस भवन की स्वीकृति प्रशासन द्वारा दी गई थी।

निर्माण का जिम्मा आरईएस को दिया गया था। ग्रामीण सेवा यांत्रिकी विभाग द्वारा इस भवन का निर्माण पिछले साल मई में पूरा किया गया। 18 मई 2016 को सीएम डॉ रमन सिंह ने इस भवन का लोकार्पण किया था। पिछले माह लगातार हुई बारिश से इस भवन की गुणवत्ता की पोल खुल गई।

भवन के सामने के ही हिस्से मेें सीपेज आने लगा है। दीवारों में दरार भी आने लगा है। अंदर प्रवेश करते ही जितने कमरे बनाए गए हैं, उनके कॉलम व बीम में भी सीपेज साफ दिख रहा है।

हाल में महिला जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के पहले दिन तो ये हालत थी कि हर कमरे के छत से पानी टपकने लगा था। ऊपरी फ्लोर का भी यही हाल है। अफसरों के कमरे के अलावा प्रशिक्षण हॉल में भी सीपेज आने लगा है।

जरूरत थी तीन कमरे व हॉल की, स्वीकृति दे दी गई इतने बड़े भवन की
– पंचायत से जुड़े अधिकारियेां का कहना है कि विभाग को सिर्फ तीन कमरे व एक हॉल की जरूरत थी।

वर्तमान में इतना बड़ा भवन बना तो दिया गया है लेकिन किसी तरह का उपयोग ही नहीं है। पंचायत विभाग का कामकाज दो कमरों में सीमित रहता है।

इसके आलावा जिस उदद्ेश्य के लिए प्रशिक्षण हॉल व आवासीय कमरे व टॉयलेट बनाए गए थे। उसकी पूर्ति तो हो ही नहीं रही है। दरअसल अब तक महज एक से दो बार ही आवासीय प्रशिक्षण दिया गया है। जनप्रतिनिधि इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं।

पंचायत भवन के सामने लाखों की पार्किंग– पंचायत भवन के समाने जिला ंपचायत द्वारा पार्किंग का निर्माण करने और सौन्दर्यीकरण करने में लाखों रूपए खर्च किया गया है।

परिसर के सौन्दर्यीकरण पर लाखों खर्च किया गया जा रहा है, लेकिन वाहनों के लिए अतिरिक्त श्ेाड नहीं बनवाया गया है। इसके अलावा प्रवेश द्वार के समीप एक और भवन बनाया गया है जबकि इसका कोई उपयोग ही नहीं है। तत्कालीन कलेक्टर ने इसका लोकार्पण किया था। तब से यह बंद पड़ा है।
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