scriptस्टिंग ऑपरेशन में खुली इस डॉक्टर की करतूत, क्लीनिक में चोरी-छिपे कर रहा था ये काम, हुआ बर्खास्त | Korba Doctor sacked for selling corona vaccine | Patrika News
कोरबा

स्टिंग ऑपरेशन में खुली इस डॉक्टर की करतूत, क्लीनिक में चोरी-छिपे कर रहा था ये काम, हुआ बर्खास्त

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले (Korba) में निजी क्लीनिक में पैसे लेकर वैक्सीन लगाने वाले डॉ. अशोक माखीजा को पत्रिका के स्टिंग से हुए खुलासे के बाद कलेक्टर रानू साहू ने छुट्टी कर दी।

कोरबाJul 05, 2021 / 09:50 am

Ashish Gupta

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मुफ्त का कोरोना टीका क्लीनिक में लाकर बेचने वाला डॉक्टर बर्खास्त, निजी क्लीनिक पर भी रोक

कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा (Korba) जिले में निजी क्लीनिक में पैसे लेकर वैक्सीन लगाने वाले डॉ. अशोक माखीजा को पत्रिका के स्टिंग से हुए खुलासे के बाद कलेक्टर रानू साहू ने छुट्टी कर दी। अगले आदेश तक डॉ. माखीजा की निजी क्लीनिक को खोलने पर रोक लगा दी गई है। पावर हाउस रोड स्थित डॉ. माखीजा का क्लीनिक नर्सिंग एक्ट के तहत पंजीकृत भी नहीं है।
डॉ. माखीजा द्वारा निजी क्लीनिक में कोरोना टीके को पैसे लेकर लगाने का खुलासा पत्रिका के स्टिंग में हुआ था। एक दिन पहले एसडीएम के सामने डॉक्टर ने बयान दिया था कि वे वैक्सीन पिछले कुछ दिनों से लगा रहे थे, लेकिन पैसे लेकर कोविड टीके लगाने की बात पर गोलमोल जवाब दे रहे थे। जांच टीम ने स्टिंग के वीडियो को देखा, जिसमें स्पष्ट तौर पर पैसे लेते हुए डॉ. माखीजा दिख रहे थे।

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पर्याप्त सबूत के आधार पर कलेक्टर रानू साहू ने डॉ.माखीजा की डीएमएफ से नियुक्ति को समाप्त कर दिया। हालांकि टीके की कालाबाजारी का रैकेट अब भी पकड़ से दूर है। डॉ माखीजा बताने से इंकार कर चुके हैं कि टीके उन तक कैसे पहुंचते थे। कालाबाजारी के मामले के तहत डॉ. माखीजा पर केस दर्ज कर पुलिसिया जांच शुरू करने की तैयारी भी की जा रही है।

सवा दो लाख रुपए थी सैलरी, दो साल में मिला करीब 25 लाख का पैकेज
डॉ माखीजा की हर महीने की सैलरी करीब सवा दो लाख थी। दो साल में करीब 25 लाख रुपए डीएमएफ के जरिए डॉ माखीजा को दिए गए, लेकिन मरीजों के प्रति असंवेदनशील होने की वजह से लोग परेशान थे। सरकारी अस्पताल में नहीं बैठते थे। पीएचसी के प्रभारी ने कई बार इनकी शिकायत अधिकारियों को कर चुके थे। अब डॉ माखीजा को हटाने के बाद नए एमडी डॉक्टर की पदस्थापना की तैयारी की जा रही है।

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टीके की कालाबाजारी का रैकेट अब तक पकड़ से दूर
टीके की कालाबाजारी का रैकेट अब भी पकड़ से दूर है। डॉ माखीजा बताने से इंकार कर चुके हैं कि टीके उन तक कैसे पहुंचते थे। प्रशासन के पास कोई सबूत नहीं है कि जिससे वह जांच शुरू कर सके। इसलिए जरूरी है कि टीके की कालाबाजारी के मामले के तहत डॉ माखीजा पर केस दर्ज कर पुलिसिया जांच शुरू हो। साइबर सेल से बीते दो महीने के भीतर जिन टीका प्रभारी या उन अधिकारियों से चर्चा की गई होगी जिनपर टीके की जिम्मेदारी थी। वहां से जांच शुरू की जाए। तब जाकर पूरा रैकेट पकड़ा जाएगा।

कलेक्टर कोरबा रानू साहू ने कहा, डॉ माखीजा की डीएमएफ से हुई नियुक्ति को समाप्त कर दिया गया है। आगामी आदेश तक क्लीनिक संचालन पर रोक जारी रहेगा। टीके उन तक कैसे पहुंचते थे इस पर जांच जारी है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
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