दो हाथी दल से अलग, गणेश ज्यादा खतरनाक
विभाग के मुताबिक करतला क्षेत्र में 52 हाथी हैं। फिलहाल दो हाथी दल से अलग-थलग होकर घूम रहे हैं। जिसमें दूसरा हाथी वह है जिसने कुदमुरा में ग्रामीण की जान ली थी। इसकी उम्र करीब 40 वर्ष है और ज्यादा आक्रामक नहीं है। लेकिन गणेश ज्यादा खतरनाक है।
वन अमला भी आश्चर्यचकित
हाथी का प्रजननकाल अधिकम डेढ़ माह का होता है। वन विभाग के अनुसार गणेश का प्रजननकाल जून के पहले सप्ताह में शुरू हुआ है, जिसे अब तक समाप्त हो जाना चाहिए। वह अब भी दल से अलग है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि गणेश अब दल से अलग होकर अकेले ही मस्तमौला की तरह जीवन बिता रहा है। हालांकि दल से अलग होकर हाथी दल से ज्यादा दूर नहीं जाते और व्यवहार सामान्य होने पर दल में लौट आते हैं।इसलिए कर देते हैं लोगों पर हमला
अधिकांश हाथी जब दल से अलग होते हैं, तब उनके मद अवस्था में होने की संभावना रहती है। इस दौरान उन्हें पर्याप्त खाना न मिले तो वे और भी उग्र हो जाते हैं। कोई ग्रामीण उन्हें जंगल में अकेला दिख जाए तो वह उस पर हमला कर देते हैं। हालांकि हाथियों का प्रजनन काल महज डेढ़ माह ही होता है। गणेश के मामले में प्रजनन काल ज्यादा दिन चल रहा है।
1246 हेक्टेयर में है करतला वन क्षेत्र का फैलाव
क रतला क्षेत्र में वन विभाग के तीन रेंज आते हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 1246 हेक्टेयर है। हालांकि इसमें कई गांव भी हैं। कई ग्रामीण तो ऐसे हैं जो जंगल के बीचो-बीच घर बनाकर बसे हुए हैं। इन्हें देख हाथी बौखला जाते हैं। एक दशक के दौरान वनविभाग के करतला क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही बढ़ी है।
मनीष कश्यप, एसडीओ (वन), कोरबा