कोरबा

भगवान श्रीराम ने धराशाही किया लंकेश का अहंकार, अग्नि बाण लगते ही ढेर हुआ दशानन का दम्भ

Vijayadashami festival : लाल मैदान, आरपीनगर, पुराना बसस्टैंड व एमपीनगर सहित अन्य जगहों पर रावण दहन
 

कोरबाOct 09, 2019 / 12:04 pm

Vasudev Yadav

भगवान श्रीराम ने धराशाही किया लंकेश का अहंकार, अग्नि बाण लगते ही ढेर हुआ दशानन का दम्भ

कोरबा. आसमान छूती बहूरंगी आतिशबाजी के बाद करमा नृत्य की अगुवाई में भगवान श्रीराम की टोली जैसे ही मंच से निकली तो धर्म, संस्कृति और रोमांच का संगम बन गया। भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने 50 फीट की दूरी से 65 फीट ऊंचे रावण पर तीर चलाए तो मैदान में उपस्थित अपार जनसमूह अपलक उस पल को देखता रह गया। जैसे ही तीर रावण को लगी तो रावण का अंहकार जलने लगा। अंहकार का अंत होता देख जनसमूह ने जय श्रीराम का गगनभेदी जयघोष किया। यह दृश्य था राजेन्द्र प्रसाद नगर फेस वन का।
नगर में बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व विजयादशमी की धूम रही। पुराना बस स्टैंड कोरबा में परंपरागत रूप से विजयादशमी पर्व मनाया गया। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ रही। इससे मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति निर्मित हो गई। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को जाम हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुराना बस स्टैंड के बाद राजेन्द्र प्रसाद नगर फेस वन में भी विजयादशमी पर्व के अवसर पर पुतला दहन किया गया। यहां 60 फीट ऊंचे पुतले का निर्माण किया गया था। पूरे जिले भर में यहां आतिशबाजी सबसे अधिक की जाती है। लगभग तीन घंटे तक चली आतिशबाजी को देखने मैदान में खचाखच भीड़ रही। आलम यह रहा कि मैदान बाहर सुभाष चौक सहित अन्य सडक़ों पर भी भीड़ जमी रही। भीड़ की वजह से ज्यादातर लोग सडक़ पर ही खड़े होकर रावण दहन का लुत्फ उठाया। पुतला दहन के पूर्व आतिशबाजी की गई। आसमान पर एक के बाद एक पटाखे फोड़े गए। रंग-बिरंगी फूलझड़ी को देखने के लिए लोग आतुर रहे। इसके बाद रावण दहन किया गया। पुतला, पटाखों के धमाके के साथ ही जल गया। आरपीनगर में दशहरा उत्सव की पुरानी पंरपरा रही है। वानर सेना करमा नृत्य के साथ रावण के समीप पहुंचकर दहन किया गया। यहां महापौर रेणु अग्रवाल मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थी। लोगों ने पुतले को बुराई के प्रतीक के रूप में मानते हुए अच्छाई का विजय पर्व मनाया। इसी तरह एमपीनगर में भाजपा नेता विकास महतो मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल, कोसाबाड़ी, राजेन्द्र प्रसाद नगर, रविशंकर शुक्ल नगर, एमपीनगर, मुड़ापार, एसएस ग्रीन, बांकीमोंगरा, बालको सहित ग्रामीण इलाके में दशहरे की धूम रही।

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पुतले ने फुफकारा, घुमाया सिर
रावण के ज्ञानी और विद्वान होने के बाद भी उसका अहम् समाप्त नहीं हुआ था, इसलिए उसका अंत भी हुआ। यह प्रदर्शित करने का प्रयास एचटीपीपी स्थित लाल मैदान में किया गया। राम मंदिर से वानर सेना की मनमोहक झांकी निकाली गई। करमा नृत्य मंडली ५० कलाकारों के साथ वाद्ययंत्र को बजाते निकली। लाल मैदान में १०५ फीट ऊंचे रावण के पुतले के चारों ओर राम सेना ने निरीक्षण किया। वानरों की उछलकूद को देखकर रावण की आंखे लाल हुई। लाल मैदान में हजारों की संख्या में दर्शक, विजया दशमी पर्व मनाने के लिए जमा हुए। मैदान, लोगों से ठसाठस भरा हुआ था। विद्युत कर्मी, पुतले का निर्माण हर वर्ष तकनीकी तौर पर करते हैं, इसलिए पुतले को देखने के लिए जिले भर से लोग यहां आते हैं। तकनीकी तौर पर बनाए गए पुतले को देखने के लिए भीड़ रही। कलेक्टर किरण कौशल समेत एचटीपीपी के मुख्य अभियंता मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे।

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मुड़ापार में पुतला दहन
मुड़ापार में भी वर्षो से पुतला दहन किया जा जाता है। उमंग और उत्साह के साथ दशहरा पर्व मनाया गया। इसके अलावा बालकोनगर, बांकीमोंगरा, दीपका, गेवरा, कटघोरा, जमनीपाली, मानिकपुर, शहीद भगत सिंह कालोनी, महाराणा प्रताप नगर सहित अन्य उपनगरीय इलाके में दशहरा पर्व मनाया गया। इसके साथ ही ग्रामीण इलाके में भी दशहरा पर्व मनाने की शुरूआत भी हो गई।

सडक़ जाम से परेशानी
विजयादशमी पर्व मनाने के लिए मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ सडक़ पर उमड़ी। इस दौरान सडक़ों पर लोगों की भारी भीड़ जुटने से जगह-जगह जाम लग गया। मुख्य मार्ग सुनालिया चौक, मुड़ापार बाजार, राजेन्द्र प्रसाद नगर, जैलगांव चौक पर घंटों आवागमन बाधित रहा। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ज्यादातर लोग विजयादशमी पर्व मनाने पुतला दहन के लिए, चार पहिया वाहन में पहुंचे। इससे सडक़ पर जाम लग गया। जाम हटाने के लिए टै्रफिक पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

बारिश की वजह से कुछ जगह खलल
बारिश की वजह से कुछ जगह खलल भी देखने को मिला। दूसरे दिन मंगलवार को भी सुबह कुछ देर के लिए बारिश हुई। इस वजह से रावण कई जगह भीग गए थे। हालांकि दोपहर में ज्यादा बारिश नहीं होने की वजह से समितियों ने राहत की सांस ली। मैदान गीला होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

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