यह पूरा मामला अगस्त माह की शुरूआत में एजुकेशन हब स्याहीमुड़ी में शिफ्ट किए गए ‘प्रयास’ संस्था का है। प्रयास छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए आवासीय विद्यालय है। कोरबा के ‘प्रयास’ में फिलहाल 9वीं व 10वीं केे 217 छात्र हैं। सभी मंगलवार की सुबह लगभग आठ बजे एजुकेशन हब के भीतर ही धरने पर बैठ गए।
गेवरा खदान: डीजल टंकी पाइप फटने से पे लोडर में लगी आग, मजदूरों के बीच मची अफरा-तफरी बच्चों ने अधीक्षिका पार्वती कुजूर और प्राचार्य विजय कुमार चौहान पर संयुक्त रूप से दुव्र्यवहार करने का अरोप लगाया है। बच्चे इन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। बच्चों का कहना है कि उन्हें भरपेट खाना नहीं दिया जाता। बीमार पडऩे पर इलाज भी नहीं मिलता और थोड़े देर के लिए भी बाहर खेलने के लिए जाने पर उल जुलूल बातें कहीं जाती हैं। इसलिए वह सभी चाहते हैं ‘प्रयास’ से अधीक्षिका और प्राचार्य को बदल दिया जाए। धरने की खबर प्रशासन तक पहुंचते ही एसडीएम के निर्देश के तहसीलदार कटघोरा, सहायक आयुक्त सहित पुलिस बल भी मौके पर पहुंची।
बारिश में बच्चे बैठे रहे जमीन पर
अपनी मांगों को लेकर बच्चे एजुकेशन हब में सुबह आठ बजे धरने पर बैठ चुके थे। इसके बाद बारिश भी शुरू हो गई। बच्चे फिर भी धरने पर बैठे रहे। कीचड़ और बरसात के पानी के बाद बच्चे जमीन पर बैठे हुए थे। जोकि अफसरों द्वारा दी गई समझाईश के बाद दोपहर लगभग एक बजे धरना छोड़ छात्रावास में लौटे।
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प्रयास की अधीक्षिका पार्वती कुजूर का कहना है उनके पास पहले से ही मिडिल स्कूल के 135 बच्चियों के छात्रावास का प्रभार है। अब प्रयास को एजुकेशन हब में शिफ्ट करने के बाद इसका प्रभार भी उन्हें ही दे दिया गया है। जबकि पार्वती की मानें तो उन्होंने प्रयास का प्रभार नहीं सौंपने का लिखित निवेदन विभाग से किया था। लेकिन इन सबके बावजूद प्रयास का प्रभार भी उन्हें ही सौंप दिया गया। वर्तमान में मिडिल स्कूल के छात्रावास के संचालन की राशि दो माह से नहीं मिली है। जबकि प्रयास का संचालन एजुकेशन हब में करने के बाद भी एक माह का समय बीत चुका है। लेकिन राशन आदि के पैसों का आबंटन अब तक नहीं मिला है। मंगलवार को हुए धरना प्रदर्शन से जो असलियल निकलकर आई उससे ट्रायबल विभाग की बदइंतजामी पूरी तरह से उजागर हो गई।