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जनभागीदारी के नाम पर वसूली जा रही मनचाहा राशि, कॉलेज के छात्रों ने जताया विरोध

locationकोरबाPublished: Jan 19, 2019 05:36:17 pm

Submitted by:

Shiv Singh

-प्राचार्य ने कहा कि जो कमेटी तय करेगी हम उस हिसाब ही राशि लेंगे

जनभागीदारी के नाम पर वसूली जा रही मनचाहा राशि, कॉलेज के छात्रों ने जताया विरोध

जनभागीदारी के नाम पर वसूली जा रही मनचाहा राशि, कॉलेज के छात्रों ने जताया विरोध

रायगढ़. जिले के प्राइवेट कॉलेजों में परीक्षा फार्म जमा करने के दौरान छात्रों से जनभागीदारी के रूप में कॉलेज प्रबंधन द्वारा मनचाहा राशि वसूला जा रहा है। किसी कॉलेज में पांच सौ रुपए, किसी कॉलेज में आठ सौ तो किसी कॉलेज में दो हजार रुपए से अधिक की राशि वसूली की जा रही है। घरघोड़ा के ही भंवर सिंह पोर्ते कॉलेज में छात्रों से आठ सौ रुपए लिया जा रहा है। इस पर कुछ छात्रों ने विरोध जताते हुए प्राचार्य से अपना पक्ष भी रखा कि बाकि कॉलेजों में इससे कम राशि ली जा रही है, इस पर प्राचार्य का कहना है कि जो कमेटी तय करेगी हम उस हिसाब ही राशि लेंगे। ऐसे में छात्रों के जेब में डाका डालकर कॉलेज प्रबंधन अधूरे निर्माण के लिए राशि जमा कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में सभी कॉलेजों में बीए का प्राइवेट परीक्षा फार्म जमा किया जा रहा है। जहां यूनिवर्सिटी द्वारा ऑनलाइन फार्म भरने करने के लिए तीन कैटेगरी बनाया गया है। 31 दिसंबर तक जिन छात्रों ने ऑनलाइन फार्म भर दिया है, उनसे कोई विलंब शुल्क नहीं लिया गया है। वहीं 01 से 15 जनवरी तक फार्म भरने वालों को 200 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ा है। जबकि 15 से 25 जनवरी तक जो लोग फार्म भर रहे हैं उन्हें प्रतिदिन 100 रुपए के दर से विलंब शुल्क पटाना पड़ रहा है। ऐसे में यूनिवर्सिटी ऑनलाइन ही छात्रों से विलंब शुल्क ले रही है।
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इसके बाद भी कॉलेजों में अलग से विलंब शुल्क लेना समझ से परे है। इस संबंध में बेलादुला निवासी बीए प्रथम वर्ष के छात्र अजीत भगत ने बताया कि उसने ऑनलाइन विलंब शुल्क के साथ फार्म भर दिया है, लेकिन जब वह घरघोड़ा के भंवर सिंह पोर्ते कॉलेज फार्म जमा करने गया तो उससे जनभागीदारी के रूप में आठ सौ तथा विलंब शुल्क के रूप में 200 रुपए की मांग की गई।
इस पर छात्र ने कॉलेज प्रबंधन से कहा कि जनभागीदारी के रूप में अन्य प्राइवेट कॉलेजों में 500 रुपए लिया जा रहा, इस पर प्रबंधन ने उसे कमेटी द्वारा राशि तय करना बताया। जबकि छात्र ने 200 रुपए विलंब शुल्क का कारण पूछते हुए विरोध दर्ज किया और कहा कि उसने बिलासपुर यूनिवर्सिटी जाकर पता किया है, जो भी विलंब शुल्क लगना है वह यूनिवर्सिटी ऑनलाइन ही ले ले रही है, लेकिन फार्म जमा करने के दौरान कॉलेज में क्यों 200 रुपए विलंब शुल्क मांगा जा रहा है, इस पर अजीत भगत से 100 रुपए लेकर मामले को क्लीयर कर दिया गया। हालांकि इस संबंध में भंवर सिंह पोर्ते के प्राचार्य का कहना है कि जनभागीदारी के रूप में 800 जरूर ले रहे हैं, लेकिन विलंब शुल्क लेने की बात गलत है।

छात्रों के पैसे से करते हैं कॉलेज का विकास
जनभागीदारी के रूप में छात्रों से मनचाहा वसूलने के संबंध में भंवर सिंह पोर्ते कॉलेज के प्राचार्य एसएल साहू से बात की गई तो उनका कहना था कि छात्रों से कितना जनभागीदारी लेना है यह कमेटी तय करती है। हर साल कमेटी की बैठक होती है जिसमें कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष से लेकर प्राचार्य, प्रोफेसर व शिक्षक शामिल होते हैं। जहां यह देखा जाता है कि कॉलेज में क्या-क्या निर्माण कराना है और कौन सा निर्माण कार्य अधूरा है। उसे देखते हुए जनभागीदारी के राशि को बढ़ा दिया जाता है। वहीं एसएल साहू ने आगे बताया कि उनके कॉलेज में तो कम रुपए लिया जा रहा है, छाल, सारंगढ़ के प्राइवेट कॉलेजों में दो हजार से अधिक रुपए जनभागीदारी का ले रहे हैं। इस प्रकार जिले के प्राइवेट कॉलेज प्रबंधन द्वारा छात्रों के जेब में डाका डालकर सालों से अपने-अपने कॉलेज का विकास किया जा रहा है।

-कॉलेजों में शासन से कोई फंड नहीं आता है, ऐसे में इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्माण, फर्नीचर आदि के लिए छात्रों से जनभागीदारी के रूप में राशि ली जाती है। छात्रों से कितनी राशि लेनी है यह जनभागीदारी समिति तय करती है। हमारे यहां तो दो सौ रुपए ले रहे हैं, बाकी जगह इससे अधिक लिया जा रहा होगा- डॉ. केएल टांडेकर, प्राचार्य, शासकीय डिग्री कॉलेज
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