एसईसीआर बिलासपुर अंतर्गत ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कोरबा रेलखंड के गेवरा, कुसमुंडा सहित अन्य साइडिंग से कोयला मालगाड़ी में कोयला लेकर कोरबा रेलवे स्टेशन पहुंची। एक-एक कर पांच रैक मालगाड़ी को जोड़ा गया। रेलवे के सभी विभागों की टीम पूरे दिन सक्रिय रही। कर्मचारियों के कई घंटे के मशक्कत के बाद सोमवार शाम 5:45 बजे कोरबा से रवाना हुई। बताया जा रहा है कि सुपर वासिकी की लंबाई साढ़े तीन किलोमीटर है। इसे पांच मालगाडिय़ों को जोड़कर बनाया गया। ट्रेन के 295 रैक में 25 हजार 962 टन कोयला लदान किया गया। यह ट्रेन मंगलवार की सुबह नागपुर पहुंची। इतनी लंबी ट्रेन को देखकर हर कोई अचरज में पड़ गया। इस दौरान सर्वमंगला, इमलीछापर सहित अन्य फाटक पर मालगाड़ी कई घंटे तक खड़ी रही। लोग खासे परेशान हुए। स्थानीय रेलवे अधिकारी ने बताया कि सुपर वासिकी को छह पावर इंजन के साथ रवाना किया गया। सुपर वासिकी पर कोयला लदान पहली बार किया गया। इसके पहले एनाकोंडा, शेषनाग, सुपर शेषनाग व वासिकी ट्रेन चलाई गई थी।
कीर्तिमान रचने यात्री ट्रेनों को किया तीन से चार घंटे लेट, यात्री हुए परेशान
रेलवे प्रबंधन ने कोयला लदान में तेजी लाने के लिए एक के बाद एक नया कीर्तिमान रचने की तैयारी कर रही है। इसके लिए यात्री ट्रेनों को को भी प्रभावित कर रही है। सुपर वासुकि को ग्रीन सिग्नल देने के लिए यात्री कई ट्रेनों को रेड सिग्नल देकर आउटर पर खड़ी किया। इस कारण सोमवार को लिंक एक्सपे्रस, शिवनाथ, छत्तीसगढ़ टे्रनों को कोरबा से रायपुर पहुंचने में तीन से साढ़े तीन घंटे विलंब हो गई। इसके अलावा कई अन्य रूट की टे्रनों को भी विलंब किया गया। इससे कई यात्रियों की कनेक्टिविटी टे्रनें भी छूट गई।