scriptगड़बड़झाला: इंजीनियर ने 3 साल में 7.68 लाख की कराई फोटोकॉपी, 20 लाख डीजल के नाम पर खर्च, अब 4.65 करोड़ की रिकवरी | Recovery of 4.65 crores from the engineer of phe department | Patrika News
कोरबा

गड़बड़झाला: इंजीनियर ने 3 साल में 7.68 लाख की कराई फोटोकॉपी, 20 लाख डीजल के नाम पर खर्च, अब 4.65 करोड़ की रिकवरी

कार्यपालन अभियंता रहे एम.के. मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान कोरबा के चंद बड़े ठेकेदार एस के इंटरप्राइजेस, ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स और अग्रसेन ट्रेडर्स को कोटेशन के आधार पर लाखों का काम दिया गया था। हर टेंडर में इन तीनों ठेकेदार द्वारा ही हिस्सा लिया गया था। यहां तक की ठेकेदारों से जमा होने वाली अमानत राशि को भी ईई ने विभाग में जमा नहीं कराया था।

कोरबाNov 22, 2022 / 12:12 pm

CG Desk

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file photo

छत्तीसगढ़ के कोरबा में वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आया है। कार्यपालन अभियंता रहे एम.के. मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान कोरबा के चंद बड़े ठेकेदार एस के इंटरप्राइजेस, ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स और अग्रसेन ट्रेडर्स को कोटेशन के आधार पर लाखों का काम दिया गया था। हर टेंडर में इन तीनों ठेकेदार द्वारा ही हिस्सा लिया गया था। यहां तक की ठेकेदारों से जमा होने वाली अमानत राशि को भी ईई ने विभाग में जमा नहीं कराया था।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कोरबा में कार्यपालन अभियंता रहे एम.के. मिश्रा पर विभाग ने 4.65 करोड़ की रिकवरी निकाली है। उन्होंने पद पर रहते हुए कई वित्तीय गड़बड़ियों को अंजाम दिया गया था। मिश्रा अभी जगदलपुर में कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ हैं।

शासन ने मिश्रा को अब सहायक अभियंता के पद पर डिमोशन करने का आदेश जारी किया है। ईई मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान कोरबा के चंद बड़े ठेकेदार एस के इंटरप्राइजेस, ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स और अग्रसेन ट्रेडर्स को कोटेशन के आधार पर लाखों का काम दिया गया था। हर टेंडर में इन तीनों ठेकेदार द्वारा ही हिस्सा लिया गया था। यहां तक की ठेकेदारों से जमा होने वाली अमानत राशि को भी ईई ने विभाग में जमा नहीं कराया था। संडेल, धनगांव, सुतर्रा, धवईपुर नलप्रदाय योजना को ई टेंडर के बजाए मैनूअल पद्धति से कराया गया था।

इसी तरह विभाग के पास वाहन उपलब्ध होने के बाद भी निजी वाहन किराए में लिया गया। डीजल खर्च के नाम पर 20.12 लाख का भुगतान किया गया। इसी तरह 7.68 लाख का फोटोकॉपी बिल का भुगतान किया गया। बिना विभाग के स्वीकृति के करीब 1.44 करोड़ की सामग्री खरीद ली गई थी। इस मामले में पीएचई के अवर सचिव रविन्द्र कुमार मेढ़ेकर ने ईई मिश्रा से शासकीय राशि 4.66 करोड़ के नुकसान की रिकवरी करने का आदेश दिया गया है।

11.45 लाख का भुगतान, दिनांक का उल्लेख नहीं
हैंडपंप मरम्मत, पाइपलाइन सुधार के नाम पर 11.45 लाख का भुगतान किया गया। किस दिनांक को भुगतान किया गया। उसका उल्लेख रजिस्टर में नहीं है। यहां तक की इस काम की जानकारी सहायक अभियंता को भी नहीं थी।

कटघोरा जलप्रदाय का फंड कहीं और फूंक दिया
जांच में पुष्टि हुई है कि कटघोरा जलप्रदाय योजना के लिए मिले फंड को कहीं और खर्च कर दिया गया था। मद का परिवर्तन कर खर्च किया गया। इसी तरह दीपका जलप्रदाय के फंड से 21 लाख रूपए डीजल, बिजली बिल और फोटोकापी में खर्च किया गया है।

शिकायत के आधार पर सभी बिंदुओं पर जांच की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कारवाई की अनुशंसा की गई है। ईएनसी द्वारा आगे की कारवाई की जाएगी।

रवीन्द्र कुमार मेढेकर, अवर सचिव, पीएचई

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