गौरतलब है कि मनरेगा के तहत कोरबा जिले के पाली विकासखंड के चार गांव बांधाखार, मानिकपुर, बतरा और चैतमा में शौचालयों की स्वीकृति मिली थी। वर्ष 2016-17 में यह निर्माण होना था। निर्माण दिसंबर 2017 में निर्माण पूरा बताकर राशि भी आहरित कर ली गई। पिछले महीने जिला पंचायत की सामान्य सभा में कई सदस्यों ने इस मामले को उठाया था।
किस गांव में कितना अतिरिक्त भुगतान हुआ था
चैतमा मेंं महज सात लाख 20 हजार का आहरण करना था, लेकिन भुगतान हुआ 60 लाख रूपए का। वहीं मानिकपुर मेंं 2.40 लाख का भुगतान होना था तो चेक दिया गया 18 लाख का। बतरा में 35 लाख का बिल बनना था तो इसमें 71 लाख रूपए की मोटी रकम दी गई। वहीं बांधाखार ग्राम में पांच लाख अतिरिक्त दिया गया।
लगभग एक करोड़ की वसूली, घोटालेबाजों की पसीने छूटे
लगभग एक करोड़ रूपए से अधिक की वसूली होनी है। इसमें प्रमुख तौर पर जनपद पंचायत सीईओ एमएल कैवर्त, पीओ, चारों गांव के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक भी शामिल है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि किससे कितने की वसूली होगी। एक से दो दिनों के भीतर जिला पंचायत द्वारा इसका आदेश जारी किया जाएगा।
कार्रवाई के लिए अधिकारियों की टीम, किसका हाथ करेगी पड़ताल
इस मामले में कलेक्टर ने वसूली के आदेश जारी किए गए हैं लेकिन कार्रवाई के लिए अभी एक और टीम बनाई गई है। सीईओ जिला पंचायत द्वारा इसकी टीम बनाई जाएगी। जो कि यह देखेगी कि इस फर्जीवाड़े में सबसे बड़ा हाथ किसका था। उसके बाद उनपर निलंबन के साथ-साथ एफआईआर भी दर्ज किया जा सकता है।
-पाली के चार गांव में बगैर शौचालय निर्माण किए राशि आहरित करने के मामले में जितनी भी राशि अधिक निकाली गई उसकी वसूली और निर्माण को पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। एक टीम बनाई जा रही है जो कि इसकी और भी बेहतर ढंग से जांच करेगी। मुख्य तौर पर शामिल लोगों पर कार्रवाई होगी।
-मो.कैसर अब्दुल हक, कलेक्टर