कोयले का खनन (Coal Mining) मिट्टी के उत्खनन पर निर्भर है, जो कंपनी ठेके पर कराती है। इस बार मिट्टी खनन पर पेंच फंस गया है। नई कंपनी ने मिट्टी खनन का काम चालू नहीं किया है। इससे खदान से मिट्टी खनन बुरी तरह प्रभावित हुई है। कंपनी की कुछ गाडिय़ां खनन में लगी है, लेकिन इनकी संख्या बेहद कम है। खदान से मिट्टी नहीं हटाने से कोयले के उत्पादन (Coal production) पर असर पड़ा है। (Reduction of coal supply)
एक करोड़ 80 लाख रुपए के उपयोग में गड़बड़ी, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश प्रति दिन औसत 40 से 50 हजार टन कोयले का खनन (Coal Mining) ही हो रहा है। स्टॉक में कोयले की कमी पड़ गई है। डिस्पेच पर भी असर पड़ा है। एनटीपीसी के सीपत संयंत्र को रोजना 30 से 35 हजार टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। जबकि जरूरत रोजाना 44 हजार टन की है। संयंत्र कोयले की कमी से जूझ रहा है।
नाले में मिली महिला की लाश, क्षेत्र में फैली सनसनी, दोनों हाथ में गोदना, एक हाथ में आरएस तो दूसरे हाथ में लिखा है ऊॅ वॉशरी भी कोयले की किल्लत
खदान के स्टॉक में कोयला (Coal) कम होने का असर क्षेत्र के आसपास स्थित कोलवॉशरियों पर भी पड़ी है। कोयले की संकट (Coal crisis) से क्षेत्र की एक निजी कंपनी की ढेरों गाडिय़ां खड़ी हो गई है। कंपनी ड्राइवर की छंटनी भी कर रही है। कंपनी ने ड्राइवरों के वेतन में भी कटौती की है। इससे ड्राइवर परेशान हैं।
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