पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा सतरेगा, क्रुज पर सवार होकर बांगो तक गए सीएस सहित अन्य अफसर
कोरबा. मुख्य सचिव आरपी मण्डल का उडऩखटोला शनिवार को सुबह सतरेंगा में बांगो बांध के बैक वाटर क्षेत्र के किनारे पर उतरा। मण्डल शनिवार को खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, पर्यटन सचिव पी. अंबलगन और मार्कफेड की एमडी शम्मी आबिदी के साथ सुबह सतरेंगा पहुंचे। उन्होंने सतरेंगा में पर्यटन की संभावनाएं तलाशी। साथ ही अधीनस्थ अधिकारियों के साथ इस मसले पर चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि बालकोनगर, सतरेंगा, गढ़उपरोड़ा तक नई सड़क बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है। लगभग 30 करोड़ रूपए की लागत से इस सड़क का काम आने वाले दो महीनों में शुरू होगी। उन्होंने इसके लिए कलेक्टर और जिले के अन्य अधिकारियों को शुभकामनाएं भी दी। सीएस ने कहा कि किसी भी पर्यटन स्थल के विकास में उस तक पहुंचने के लिए सड़क का विशेष महत्व होता है और सतरेंगा को विकसित करने की दिशा में सड़क की मंजूरी पहला कदम है।
उल्लेखनीय है कि 29 करोड़ 80 लाख रूपये की लागत से लगभग 37 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण होगा। अभी इस सड़क की चौड़ाई पौने चार मीटर है, जो अब साढ़े पांच मीटर की बनेगी। अभी सड़क पर बीस मिलीमीटर डामरीकरण है, जिसे नई सड़क में 70 मिलीमीटर का किया जायेगा। सड़क पर कोसमनाला में नया पुल भी बनाया जायेगा। इस सड़क के उच्च स्तरीय निर्माण के बाद गढ़उपरोड़ा से होकर सतरेंगा सीधा अम्बिकापुर से जुड़ जायेगा।
उन्होंने कलेक्टर किरण कौशल, मुख्य वनसंरक्षक अनिल सोनी, अपर कलेक्टर संजय अग्रवाल, वनमण्डलाधिकारी गुरूनाथन, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस जयवर्धन, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा और अन्य अधिकारियों के साथ सतरेंगा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावनाओं पर चर्चा की। मुख्य सचिव ने एक छोटे कू्रज पर अधिकारियों के साथ लगभग एक घण्टे तक इस जलराशि के बीच-बीच में स्थित छोटे-बड़े द्वीपनुमा स्थल आकृतियों का मुआयना किया। मुख्य सचिव सतरेंगा रेस्ट हाउस से क्रुज पर सवार होकर मुख्य बांगो बांध तक गए।
इस दौरान उन्होंने हसदेव नदी के अपार जल भराव क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य का अवलोकन किया और अधिकारियों को स्थान-स्थान पर पर्यटन की दृष्टि से उनको विकसित करने की अपनी योजना समझाई। मण्डल ने इन छोटे-बड़े द्वीपों और हसदेव नदी की अपार जलराशि को स्थानीय लोगों के रोजगार का साधन बनाने के लिए मॉडर्न टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश कलेक्टर दिए।
टूरिज्य स्पॉट बनने से क्षेत्रवासियों को मिलेंगे रोजगार के अवसर सतरेंगा जलविहार क्षेत्र के मॉडर्न टूरिज्म स्पॉट के रूप में स्थापित हो जाने पर आसपास के क्षेत्र के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सतरेंगा के एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने पर साफ-सफाई से लेकर वाहन पार्किंग, वाहन मरम्मत और यहां के कॉटेज में रूकने वाले पर्यटकों के लिए आतिथ्य सत्कार और वाटर स्पोट्र्स तथा एडवेंचर्स स्पोट्र्स के लिए रोजगार के अवसर लोगों को मिलेंगे। इन सभी विधाओं में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने और नियोजित करने की भी योजना है। बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिये खाने-पीने, रूकने के साथ-साथ जल विहार दर्शन की व्यवस्था से लोगों को साल काम मिलेगा। इससे क्षेत्र के लोगों की माली हालत सुधरेगी। सतरेंगा आने वाले लोगों के वाहनों की पार्किंग के लिए एक सर्वसुविधायुक्त स्थान तय किया जायेगा, यहांं वाहनों की सुरक्षा के लिए स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके साथ ही क्षेत्र में खाने-पीने की दुकानें, चैपाटीनुमा एरिया भी विकसित किया जाएगा। यहां इडली, दोसा, चाउमिन के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के पारम्परिक स्वादिष्ट चीला-फरहा जैसे व्यंजन भी पर्यटकों को खाने के लिए मिल सकेंगे। इन दुकानों का संचालन भी स्थानीय महिलाओं एवं युवाओं द्वारा ही किया जायेगा।
सतरेंगा में नौका विहार के लिए पर्यटन मण्डल द्वारा बड़े क्रुज और मोटर से चलने वाले बड़े नाव भी संचालित करने की योजना है। स्थानीय युवाओं को ही इसके संचालन का प्रशिक्षण और जिम्मेदारी दी जायेगी। कुछ युवाओं को पर्यटक गाईड के रूप में प्रशिक्षित किया जायेगा तो कुछ को सुरक्षा की दृष्टि से सेक्युरिटी गार्ड और गोताखोरी का भी प्रशिक्षण दिलाया जायेगा।
सतरेंगा को मॉडर्न टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटकों की सुविधाएं सर्वाधिक प्राथमिकता पर रहेंगी। मुख्य सचिव ने शनिवार को सतरेंगा में इस पर विशेष फोकस किया। उन्होंने सतरेंगा के जल भराव क्षेत्र के साथ-साथ तटीय जगहों का भी मुआयना किया और इन जगहों पर पर्यटकों के लिए जरूरी सुविधाएं कम समय में विकसित करने के निर्देश दिए। मण्डल ने सतरेंगा के जल भराव क्षेत्र के बीच स्थित द्वीपों पर आकर्षक कॉटेज-रिसॉर्ट भी निर्मित करने के लिये सर्वे तथा कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए ताकि इस स्थान पर आने वाले लोगों को रहने और भोजन की अच्छी व्यवस्था मिल सके।
उन्होंने क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर वाहनों की पार्किंग से लेकर लोगों को रोजगार के लिये दुकान आदि की भी व्यवस्था तलाशने के निर्देश दिए। मण्डल ने अधिकारियों की टीम से कहा कि द्वीपों पर बने रिसॉर्टों तक जाने के लिए सतरेंगा के मुख्य स्थान पर बोट या क्रुज की व्यवस्था होनी चाहिए। द्वीपों पर बने रिसॉर्टों में लोग प्रदूषण मुक्त वातावरण में शांति से अपना समय बिताएं। द्वीपों के आसपास कृत्रिम रूप से रेत से बीच बनाने की संभावनाओं पर भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
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