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कोरबा

SECL की कोयला खदानें असुरक्षित, दो साल में हुईं 30 बड़ी दुर्घटनाएं

एसईसीएल की ओर से हाल ही में कोल मंत्रालय को दी गई एक जानकारी में बताया गया है कि 2022 में 4 घातक दुर्घटनाएं हुई जिसमें 4 मजदूरों की जान गई, जबकि 2023 में दो मजदूर मारे गए।

कोरबाJan 16, 2024 / 07:01 pm

चंदू निर्मलकर

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एसईसीएल की कोयला खदानों में दुर्घटनाएं थम नहीं रही है। हांलाकि घातक दुर्धटनाओं की संख्या में कमी आई है लेकिन गंभीर दुर्घटनाएं अब भी जारी है। एसईसीएल की ओर से हाल ही में कोल मंत्रालय को दी गई एक जानकारी में बताया गया है कि 2022 में 4 घातक दुर्घटनाएं हुई जिसमें 4 मजदूरों की जान गई, जबकि 2023 में दो मजदूर मारे गए।

इसके अलावा वर्ष 2022 में 19 और 23 में 11 गंभीर दुर्घटनाएं दर्ज की गई। हांलाकि इसमें मजदूरों की मौत नहीं हुई लेकिन गंभीर चोटें आई। इसमें ऐसे मजदूर भी शामिल हैं जिनका अंग-भंग हुआ या शरीर के एक हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। खान दुर्घटनाओं के मामले में कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की तीनों मेगा प्रोजेक्ट सबसे अधिक असुरक्षित है। इसमें कुसमुंडा, गेवरा और दीपका शामिल हैं।
इन खदानों में जितने मजदूर मारे गए हैं उसमें सबसे अधिक आउटसोर्सिंग में काम करने वाले मजदूर हैं। इन मजदूरों को प्रबंधन की ओर से न तो सामाजिक सुरक्षा मिल पाती है और न ही ठेका कंपनियां अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही है। मजदूरों से 8 के बजाय 12 घंटे तक कई ठेका कंपनियां खदान के भीतर काम ले रहीं हैं, इससे मजदूर तनाव में हैं। काम के घंटे अधिक और आराम कम मिलने से कई बार मजदूर हादसे का शिकार होते हैं।

हांलाकि प्रबंधन की दलील है कि एसईसीएल की ओर से सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। इसके लिए सुरक्षा अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाती है जो खदान में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा को देखता है। कमी पाए जाने पर उन्हें समझाईश देने के साथ-साथ कार्रवाई भी करता है। पिछले साल ही एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में एक ठेका श्रमिक की मौत हुई थी। श्रमिक को निजी ठेका कंपनी की गाड़ी ने कार्य के दौरान कुचल दिया था। इसके अलावा गेवरा में ट्रेेलर पलटने से भी एक श्रमिक मारा गया था।

वार्षिक खान सुरक्षा पखवाड़े का आयोजन
एसईसीएल की ओर से सुरक्षा संबंधी नियमों की जानकारी देने के लिए हर साल वार्षिक खान सुरक्षा पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है। इसके तहत खदानों में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा के नियमों से अवगत कराया जाता है। नुक्कड़ नाटक के जरिए भी सुरक्षा को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके लिए प्रबंधन हर साल सुरक्षा पर बजट खर्च करता है। कर्मचारियों को जूता, टोपी के अलावा अन्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाती है। इसके बाद भी कोयला खदानों में दुर्घटनाएं कम नहीं हो रही है। इधर एसईसीएल की ओर से बताया गया है कि वार्षिक खान सुरक्षा पखवाड़ा 2023 का समापन आज दीपका क्षेत्र में किया जाएगा।
कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ खान दुर्घटनाओं में उनकी जान जा रही है तो दूसरी तरफ काम के दौरान आते-जाते समय मजदूर छोटी-बड़ी गाड़ियों के टक्कर से मारे जा रहे हैं। मरने वालों में ठेका मजदूरों की संख्या अधिक है।
राज्य घातक दुर्घटना गंभीर दुर्घटना

2022 2023 2022 2023

छत्तीसगढ़ 04 02 19 11

झारखंड 07 08 16 03

मध्यप्रदेश 06 02 18 05

महाराष्ट्र 00 02 08 02
ओड़िसा 00 06 04 00

तेलंगाना 05 05 101 59

तमिलनाडु 00 00 01 00

उत्तरप्रदेश 00 01 01 06

पश्चिम बंगाल 02 04 09 03

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