पांच साल पहले नगर निगम ने बुधवारी बाइपास से गुरूघासीदास तिराहेे तक सड़क का चौड़ीकरण व नए सिरे से डामरीकरण कराया गया था। जिसकी लागत लगभग ६२ लाख रूपए थी। ठेकेदार ने शुरूआत से काम को लेकर मनमानी की थी। चौड़ीकरण का काम बीच में छोड़ दिया गया था। नोटिस थमाने के बाद शेष काम किया गया था। लेकिन इसमें भी गुणवत्ता को लेकर अधिकारियों ने अनदेखी कर दी। अब इस सड़क की हालत इतनी घटिया हो गई है कि चलना मुश्किल हो गया है।
पेट्रोल पंप, आकाश होटल व कुआंभटठ बस्ती मोड़ के समीप इस सड़क पर बड़े-बड़े गडढ्े हो गए हैं। निगम द्वारा मार्ग में शनिवार को मिट्टी डाला गया जो टापू बन गया है। इससे दुर्घटना की आशंका और अधिक बढ़ गई है। इस सड़क का इस्तेमाल बाइपास मार्ग की तौर पर होता है। २४ घंटे भारी वाहनों के दबाव के साथ टीपीनगर की ओर जाने के लिए लोग अधिकतर इसी मार्ग का इस्तेमाल करते हैं। बारिश की झड़ी लगते ही सड़क पर एक फीट तक पानी बहता रहता है। कई बार लोग इन गडढे पर दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं।
Photo Gallery : हसदेव नदी पर 46 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेण्ड छोड़ा जा रहा, फोटो में देखिए ये विहंगम दृश्य काम के घटिया स्तर का पता इसी चलता है जब रिकांडो कंपनी द्वारा इस सड़क का निर्माण ८० के दशक में किया गया था। तब ये सड़क २०१० तक टिकी थी। लगभग ३० साल तक इस सड़क की हालत बेहतर थी। इसलिए इस सड़क को आज भी लोग रिकांडो मार्ग के नाम से जानते हैं। लेकिन निगम की बनवाई हुई सड़क पांच साल भी टिक नहीं सकी।
बुधवारी बाइपास मार्ग पर लगे स्ट्रीट लाइट भी महीनों से बंद है। खराब लाइटों के सुधार के लिए निगम द्वारा शिकायत का इंतजार किया जा रहा है। पूर्व में सीएम के विकास यात्रा के दौरान कुछ जगह मरम्मत कराई गई थी। उसके बाद फिर से सड़क की हालत जस की तस हो गई।
सड़क कीचड़ से हुआ सराबोर
सड़क में भारी वाहनों का दिन-रात आवागमन होने से राख, मिट्टी सड़क पर गिरता है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने से भी मिट्टी फैल रही है। इससे सड़क कीचड़ से सरोबोर रहता है। गड्ढों को भरने के लिए मिट्टी गिराया गया है। लेकिन मिट्टी को सिर्फ डम्प करके छोड़ दिया गया।
गड्ढे को भरा भी नहीं गया। इससे गड्ढे तो जस के तस हैं और डम्प मिट्टी टापू का रूप ले लिया है। इससे तीन पहिया और चार पहिया वाहन तिरछी होकर गुजर रहे हैं। इससे दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। वहीं मिट्टी डालने से सड़क में कीचड़ और भी फैल गया है। मिट्टीयुक्त कीचड़ से वाहनों के पहियों के फिसलने का खतरा बना हुआ है। नगर निगम लोगों को सुविधा देने के बजाय उसे और मुसीबत में डालने का कार्य कर रही है। मिट्टी डम्प कर सड़क को पूरी तरह कीचड़ में बदल दिया गया है। इससे लोग परेशान हो रहे हैं।
डीएमएफ से भेजा गया प्रस्ताव
डीएमएफ से इस सड़क के नए सिरे से टायरिंग व नाली निर्माण के लिए निगम ने प्रस्ताव प्रशासन को भेजा गया है। हालांकि इसे अभी स्वीकृति नहीं मिली हैै। ऐसे में लोगों की मांग है कि जब तक नए सिरे से सड़क नहीं बन जाती तब तक वैकिल्पक तौर पर इसके गड्ढे पाटे जाएं। क्योंकि स्वीकृति , टेंडर व वर्कआर्डर में कम से कम चार माह का समय गुजर जाएगा।
–बुधवारी बाइपास के नए सिरे से टायरिंग व नाली निर्माण की स्वीकृृति के लिए लगभग डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति के बाद काम शुरू कराया जाएगा- ग्यास अहमद, कार्यपालन अभियंता, नगर निगम