कोरबा

किसानो का कैसे होगा विकास, सिंचाई की इतनी बड़ी परियोजनाएं अब भी हैं अधूरी

समय बढ़ाकर जून तक का टार्गेट दिया गया

कोरबाJan 02, 2019 / 11:39 am

Shiv Singh

समय बढ़ाकर जून तक का टार्गेट दिया गया

कोरबा. जिले के 86 सूखाग्रस्त क्षेत्रों के 50 हजार हेक्टेयर खेतों की कुल 10 सिंचाई परियोजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है। आईडब्लूएमपी परियोजना के तहत स्वीकृत इन प्रोजेक्ट में छह को मार्च तक पूरा करना था, पर अधिकारियों ने तय समय तक काम पूरा नहीं किया। यहां तक की समय बढ़ाकर जून तक का टार्गेट दिया गया था। उसके बाद भी ये सभी परियोजना अधूरी पड़ी है।

आईडब्लूएमपी परियेाजना के तहत पहले इसका पूरा काम जिला पंचायत के माध्यम से संचालित होता था। लेकिन काम में भर्राशाही को देखते हुए शासन स्तर पर इसके पूरे प्रोजेक्ट को कृषि विभाग को हैंडओवर कर दिया गया। लेकिन अब कृषि विभाग भी इन कार्यों को समय पर पूरा करने रुचि नहीं ले रहा है।
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जिले के सभी ब्लॉकों में ऐसे गांव को चिन्हित किया गया था। जहां खेती किसानी के लिए पानी के लिए हर बार किल्लत का सामना करना पड़ता है उन जगहों पर पानी का सोर्स डेवलप करने के लिए काम शुरू कराया गया। कुल 10 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। जिनके पूरे होने से 86 गांव के ख्ेातों को लाभ मिलेगा।


कहीं पांच तो कहीं आठ साल से चल रहा काम
इन प्रोजेक्ट में चार से पांच ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो कि पिछले 8 साल से निर्माणाधीन है। श्यांग नाला व चुईया नाला परियोजना को 2009-10 में स्वीकृति मिली थी। वहीं बम्हनी नदी , तान नदी, हसदेव तान नदी व लीलागर नदी पर 2010-11 से काम चल रहा है। तो वहीं शेष प्रोजेक्ट 2012 से लेकर 2014-15 में स्वीकृत हुए हैं। इन परियोजनाओं में चेकडेम, नहर, कलवर्ट, छोटे बांध का निर्माण करना था।


फंड भी पर्याप्त, पर काम करने में लेटलतीफी
इन परियोजनाओं के लिए शासन द्वारा लगभग छह करोड़ रूपए विभाग को दिया भी गया है। पर्याप्त फंड होने के बाद भी काम नहीं हो पा रहा है। छह करोड़ में महज सवा दो करोड़ रूपए खर्च किया गया है। कृषि विभाग द्वारा इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अलग से एक विंग बना दी गई है। फिर भी काम अधूरा है।


-इन परियोजनाओं में से छह को मार्च तक पूरा करना था। लेकिन काम पूरा नहीं होने पर जून तक फिर समय मिला था। कई अंतिम चरण में है तो कुछ में तेजी से काम करवाया जा रहा है। जल्द पूरा करा लिया जाएगा।
-एमजी श्यामकुंवर, उपसंचालक, कृषि विभाग
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