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कोरबा

पीडीएस दुकान संचालक का कारनामा : हितग्राहियों को कहते हैं राशन नहीं आया और बाहर खपाते हैं सामान

गांव में बिजली और इंटरनेट नहीं होने का फायदा पीडीएस दुकान संचालक उठा रहे
हैं। हितग्राहियों को राशन नहीं आने की बात कहकर इसे बाहर खपाया जा रहा
है।

कोरबाJul 17, 2017 / 10:31 am

Piyushkant Chaturvedi

The beneficiaries say that the ration has not come

The beneficiaries say that the ration has not come and the stuff that is being eaten out

कोरबा. गांव में बिजली और इंटरनेट नहीं होने का फायदा पीडीएस दुकान संचालक उठा रहे हैं। हितग्राहियों को राशन नहीं आने की बात कहकर इसे बाहर खपाया जा रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को हाइटेक बनाने के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है। खाद्य अमला जहां भी जांच के लिए पहुंच रहा है, वहां पोल खुल रही है।

गौरतलब है कि खाद्य विभाग द्वारा हाल ही में कोरबा जिले के जिल्गा, अरसेना, कथरीमाल, बडग़ांव में स्टॉक और वितरण का निरीक्षण किया गया था। इसमें सभी जगह कमी मिली थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने तीन राशन दुकानों को सस्पेंड कर एक दुकान पर पौने तीन लाख की वसूली आदेश भी जारी किया है। गौरतलब है कि ऐसी दुकानें जिनका संचालन ग्राम पंचायत या फिर सरपंचों द्वारा किया जा रहा है उनमें अधिकांश जगह कहीं बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है तो कुछ जगह इंटरनेट की सुविधा ही नहीं है।

इसी का फायदा संचालक उठा रहे हैं। सरकार से इन दुकानों को टेबलेट तो मिला है पर ऑफ लाइन होने की वजह से विभाग को जानकारी दी जाती है कि मैन्यूअल तरीके से रिकार्ड रखा जा रहा है। यहीं पर इनके द्वारा गड़बड़ी की जाती है। कितना राशन आया, और कितना वितरण हुआ इसकी जानकारी सिर्फ संचालक को होती है। ऑनलाइन नहीं होने से अफसरों को नहीं पता चल पाता।

खाद्य अमला नियमित तौर पर नहीं पहुंच पाता, और महिनों तक गड़बड़ी चलती रहती है। जिले के 450 दुकानों में से कुल 100 दुकानों से ज्यादा में अब तक इंटरनेट नहीं पहुंच सका है। खाद्य विभाग के अनुसार गड़बड़ी की आंशका सबसे अधिक इन्हीं दुकानों में रहती है। पिछले दिनों इन्हीें में से पांच दुकानों पर कार्रवाई की गई। यह भी शिकायतें मिल रही है कि कई दुकानों में बिजली और इंटरनेट होने के बाद भी नहीं होने का तर्क देकर ऑफलाइन एंट्री की जाती है। पूरा खेल इसी बीच होता है।
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