निगम और राजस्व विभाग को इसे लेकर दिक्कत ये आ रही थी कि बार-बार कंपनी द्वारा अतिरिक्त जमीन की मांग की जाती रही है। हर बार जमीन देनी पड़ रही थी। उसके बाद भी कई बार शिकायतें सामने आ रही थी कि निष्पादन का काम में मनमर्जी की जा रही है। कंपनी की कार्य अवधि फरवरी में पूरी हो रही है। इसे देखते हुए अब नए सिरे से आवेदन मंगाए जा रहे हैं। इसमें इंसीनरेटर मशीन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। अब तक सिर्फ एक रायपुर की कंपनी ने ही आवेदन दिया है, जो मशीन लगाना चाहती है।
मानिकपुर कोयला खदान विस्तार के लिए पेड़ों की गिनती शुरू, जानें कितने हजार पेड़ों की दी जाएगी बलि पहले सिर्फ 85 अस्पताल दे रहे थे कचरा, अब 158
पांच साल पहले तक जिले के सिर्फ 85 अस्पताल ही मेडिकल वेस्ट (Bio medical waste) दे रहे थे। तब कंपनी द्वारा मशीन लगाने को लेकर तर्क दिया जाता था कि अस्पताल कम है, ऐसे मेंं मशीन लगाने का खर्चा नहीं निकल सकेगा, लेकिन अब कुल 158 अस्पतालों से मेडिकल वेस्ट बरबसपुर तक पहुंच रहा है। उसके बाद भी मशीन लगाने को लेकर कंपनी राजी नहीं है।
एक मार्च से पूरा सिस्टम बदलने की तैयारी में
पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा एक मार्च से बायो मेडिकल वेस्ट (Bio medical waste) का पूरा सिस्टम बदलने की तैयारी की जा रही है। टेंडर प्रक्रिया इसी माह पूरी कर ली जाएगी। मार्च से पहले इंसीनरेटर मशीन लगा ली जाएगी। इसके बाद अस्पतालों से वेस्ट सीधे मशीन में जाएगी और तत्काल कचरे का निष्पादन होगा। इससे अब अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता नहीं होगी।
एक ही रात चार मकानों का ताला तोड़कर नकद समेत जवाहरात चोरी मामले में एक्सपर्ट टीम घटना स्थल से लौटी -फरवरी में कंपनी का ठेका अवधि खत्म हो जाएगा। नए एग्रीमेंट के लिए निविदा जारी की गई है। इंसीनरेटर मशीन लगाना अनिवार्य है। प्रक्रिया जल्द पूरी की जा रही है। आरपी शिंदे, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी कोरबा