कलेक्टर किरण कौशल ने एसपी अभिषेक मीणा के साथ गेवरा हास्टल का बुधवार को दोपहर निरीक्षण किया। कलेक्टर ने यहां रूके सभी लोगों को कमरों से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी। इन लोगों को कमरों में ही सभी व्यवस्थाएं जिला प्रशासन द्वारा मुहैया करा दी गई हैं। सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस कर्मियों का पहरा गेवरा हास्टल में लगाया गया है, साथ ही मेडिकल टीम भी तैनात की गई है। आइसोलेट किए गए लोगों को भोजन, पानी के लिए भी पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा कर दी गई है।
भूखे पेट चार दिन पैदल चले, 250 किलोमीटर का सफर तय कर कुसमुण्डा पहुंचे आठ मजदूर, सभी जिल्गा बरपाली के निवासी निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होकर आए राताखार मस्जिद में रूके हुए सभी 15 लोग दिल्ली या उसके आसपास के क्षेत्रों के हैं जबकि अन्य पांच लोग मरकज में शामिल होने कोरबा से निजामुद्दीन गए थे। कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके फैलाव की आशंका को लेकर इन सभी लोगों को आइसोलेट कर लिया गया है।
मरकज में शामिल हुए तबलीगी जमात के इन सभी 20 लोगों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखी जा रही है। इन्हें सावधानी स्वरूप सेनेटाईजर और मास्क आदि भी जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करा दिए गए हैं। साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने, लाक डाउन के दौरान निर्धारित जगहों से बाहर नहीं निकलने और शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा निर्देशों की पूरी जानकारी भी इन्हें दी गई है। इन सभी लोगों को यह भी हिदायत दी गई है कि वे आईसोलेशन की अवधि में पूरी तरह से अलग रहें। रहने की निर्धारित जगहों से बाहर न निकलें, भीड-भाड़ वाले इलाकों में न जायें। इसके साथ ही सर्दी, खांसी, बुखार या श्वास लेने में तकलीफ जेैसी कोई भी परेशानी होने पर तत्काल शासन प्रशासन के प्रतिनिधियों को सूचित करें।
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि अभी सभी लोग स्वस्थ हैं। किसी को भी कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों संबंधी कोई तकलीफ नहीं है। सावधानी बरतते हुए गहन अवलोकन में इन लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। मेडिकल टीम द्वारा जांच लगातार की जा रही है।
मुस्तफा बाग दिल्ली के छह लोग
कोरबा में आईसोलेट हुए मरकज में शामिल होने वाले इन लोगों में मुस्तफा बाग दिल्ली के छ:, नेहरू बिहार दिल्ली के दो, गाजियाबाद के तीन और सुंदरनगरी दिल्ली, नागलोई दिल्ली, पुरानी दिल्ली तथा बेगुसराय बिहार का एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। आईसोलेट हुए इन लोगों में से एक ने बताया कि वे 12 मार्च को रात 10 बजे से 13 मार्च को दोपहर दो बजे तक निजामुद्दीन में हुई तबलीगी जमात के मरकज में शामिल हुए थे। उन्होंने यह भी बताया कि मुस्लिम धर्म की मानव कल्याण से जुड़ी बातों और सीखों के प्रचार-प्रसार के लिए वे लोग कोरबा आए हैं। यह सभी लोग दिल्ली से नागपुर, बिलासपुर होते हुए 15 मार्च को कोरबा पहुंचें हैं और तभी से राताखार की मस्जिद में रूके थे।