कटघोरा. वन परिक्षेत्र कटघोरा में लगातार चीतलों की मौत हो रही है। दो दिन के भीतर दो चीतलों की मौत होने के बावजूद वन विभाग द्वारा जंगलों में जंगली जानवरों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं की जा रही और न ही इनकी सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम किए जा रहे हैं। गर्मी बढऩे के साथ ही साथ नदी-नाले सूख रहे हैं। इससे जंगली जानवर पानी की तलाश में गांव की ओर रुख कर रहे हैं। यहां कुत्तों द्वारा जंगली जानवरों को शिकार बनाया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि अधिकतर जंगली जानवर पानी प्यास के कारण गांव की ओर भटक कर आ रहे हैं जिसके कारण कुत्तों द्वारा घेरकर जंगली जानवरों पर हमला कर रहे हैं और इससे उसकी मौत हो रही है। सोमवार सुबह छह बजे रंजना हाई स्कूल के पास पानी की तलाश में एक जंगली चीतल जंगल से भटककर आ गया जिसे कुत्तों ने पीछे से हमला कर मौत के घाट उतार दिया।
आखिर क्यों इन उत्तर पुस्तिकाओं का अलग से बनाया जा रहा बंडल, पढि़ए खबर… इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों को दी तब जाकर बीडगार्ड लक्ष्मण दीवान अपने कर्मचारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। मृत हिरण का पंचनामा कर कटघोरा के कसानिया डिपो में लाया गया जिसे पशु चिकित्सक के द्वारा शव परीक्षण कर दाह संस्कार करा दिया गया।
लक्ष्मण ने बताया कि नर चीतल की उम्र लगभग तीन साल बताया गया जिसके एक-एक फीट के सिंग निकल आए थे इस तरह दो दिन के भीतर दो चीतल की मौत होना वन विभाग के लिए अच्छी खबर नहीं है जबकि विभाग के अधिकारियों को वन्यजीवों के लिए गर्मी से पूर्व जंगलों में पेयजल की समुचित व्यवस्था करानी चाहिए। साथ ही जंगलों में आग लगाए जाने के कारण जंगली जानवर विचलित होकर ग्रामों की ओर पलायन करते हैं जिसके कारण कुत्तों के शिकार हो जाते हैं।
गांव की एक महिला ने बताया कि एक दिन पूर्व जंगल की तरफ से कुछ कुत्ते चीतल को दौड़ा रहे थे। चीतल अपनी जान बचाने के लिए बस्ती की तरफ आया। दौड़ते हुए लोहे के गेट से टकरा गया, इससे उसके सिर में गंभीर चोटें आई जिसके कारण उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। इसे देखने लोगों की भीड़ लग गई। इसकी सूचना वन विभाग को सूचना दी गई। वन विभाग के अधिकारी मौका स्थल पर पहुंच कर जानकारी ली और पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया था।
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