प्रदेश में इकलौता कोरोना हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन कटघोरा में पिछले 12 दिन से लोग चैन की नींद सो रहे हैं। जिन प्रदेशों में कोरोना के हॉटस्पॉट बने उनमें चुंनिदा शहर हैं जहां इस तरह से स्थिति कंट्रोल में कर ली गई। सबसे सुकुन देने वाली बात यह है कि इनमें से एक भी मरीज को आइसीयू या फिर वैंटिलेंटर में रखने की नौबत नहीं आई।
लॉक डाउन में रोजी-रोटी की समस्या से परेशान बिहार जा रहे 19 मजदूरों को कुसमुण्डा थाना प्रभारी ने रोका एम्स की टीम के देखरेख में सामान्य बेड में उपचार के दौरान अब तक 26 लोग ठीक होकर लौट चुके हैं। आम जनता, प्रशासन और सरकार की भी उम्मीद है कि शेष दो लोग भी जल्द ठीक होकर लौट जाएं और नया केस सामने नहीं आए। हालांकि प्रशासन अब भी पूरी तरह से सख्ती बरतने और मॉनिटरिंग में लगा हुआ है क्योंकि पिछली बार लॉकडाउन के आखिरी सप्ताह मेें मामले बढ़े थे। अभी लॉकडाउन का आखिरी सप्ताह चल रहा है।
जिले के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. कुमार पुष्पेश एवं जिला एपीडिम्योलॉजिस्ट डॉ. प्रेम प्रकाश आनंद ने बताया 28 अप्रैल तक कोरबा में चार हजार से अधिक लोगों के सैंपल लिए गए जिनमें 3713 व्यक्तियों की रिपोर्ट मिली है। इनमें 3683 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 28 व्यक्ति पॉजिटिव मिले तो 183 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। सभी पॉजिटिव मरीजों का इलाज एम्स अस्पताल रायपुर में किया गया। 28 में से 26 लोगों को एम्स रायपुर से डिस्चार्ज कर कोरबा भेज दिया गया है। लेकिन कोरबा सर्विलेंस स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उन मरीजों को उनके घर ना भेजकर कोरबा के क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा गया है।