कोरीया

लावारिस मरीज के जख्म पर चीटियां देख इन युवाओं का पसीज गया दिल, मौत के बाद करने लगे ये काम

अस्पताल में दो अनाथ मरीज का सुबह-शाम सेवा करने में जुट गए है 4 युवा, प्रबंधन से अलग वार्ड मांगा

कोरीयाJul 14, 2018 / 09:22 pm

rampravesh vishwakarma

Young man with patient

बैकुंठपुर. जिला अस्पताल में भर्ती एक लावारिस मरीज के जख्म में चिटियां रेंगती दिखने और उसकी मौत होने के बाद चार युवाओं का दिल पसीज गया है। अब 4 युवाओं ने अस्पताल में भर्ती २ लावारिस मरीज की देखभाल व सेवा-जतन करने बीड़ा उठाया है और प्रतिदिन सुबह, दोपहर व शाम को लावारिस मरीज को खाना खिलाने, नहलाने, कपड़ा बदलने का कार्य करने लगे हैं।

कोरिया जिला अस्पताल में भर्ती एक लावारिस मरीज का देखभाल नहीं होने के कारण कुछ दिन पहले उसके जख्म में चिटियां लग चुकी थीं। इस दौरान मरीज की मौत हो गई थी। जिसका पुलिस की मदद से अंतिम संस्कार किया गया था। लावारिस मरीज की हालत को देखकर शहर के तीन युवा राजन तिर्की, आरके गिरी, सूरज कुमार व साक्षी कश्यप का दिल पसीज गया और अस्पताल में भर्ती लावारिस मरीजों की देखभाल करने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में नेपाल निवासी लकवा पीडि़त मरीज विजय बहादुर सिंह और ट्रेन से गिरकर एक पैर कटने वाले मरीज अजय गुप्ता की सेवा-जतन करने में जुटे हैं। अस्पताल में प्रतिदिन लावारिस मरीज को नहलाना, भोजन-दवाइयां खिलाने, कपड़ा बदलने का कार्य करते हैं।

लकवा पीडि़त को फेंका था नहर के किनारे
राजन तिर्की ने बताया कि लकवा पीडि़त बहादुर को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरने एंबुलेंस के माध्यम से एक सप्ताह पहलेे बैकुंठपुर के दूधनियापारा भेजा गया। लेकिन एंबुलेंस के चालक और मेडिकल तकनीशियन ने बहादुर को उसके गांव छोडऩे की बजाए गेज बांध के बेस वियर के पास फेंक दिया था।
इससे मरीज करीब एक घंटे तक जमीन पर पड़ा था। पीडि़त की गुहार सुनने पर करीब 4-5 बजे के बीच ग्रामीण पहुंचे और मरीज को स्कूल परिसर में सुरक्षित रख दिया। पटना पुलिस को जानकारी मिलने पर लकवा मरीज को आधी रात को जिला अस्पताल बैकुंठपुर भर्ती कराया गया था। वर्तमान में लावारिस मरीज की देखभाल करने में जुट गए हैं।

ऑपरेशन कराने 3 बोतल खून की व्यवस्था की
साक्षी कश्यप ने बताया कि ग्राम पंचायत बेलबहरा अजय गुप्ता के परिवार में कोई नहीं है। चना-मूंगफली बेच कर गुजरा कर रहा था। हाल ही में ट्रेन में चढ़ते समय फिसलकर ट्रेन के नीचे आ जाने से उसका दायां पैर जख्मी हो गया था।
उसका पैर बुरी तरह से कट कर लटक चुका है। दाएं पैर का ऑपरेशन कर ही जान बचाई जा सकती थी। मामले में हमने स्थानीय नागरिकों की मदद से 3 बोतल खून की व्यवस्था कर ऑपरेशन कराया गया है और फिलहाल हमारी देखरेख में उपचार जारी है।

श्रम मंत्री बोले-जनता के नौकर हैं मंत्री व अधिकारी
श्रम खेल एवं युवा कल्याण मंत्री भैयालाल राजवाड़े गुरुवार की शाम अचानक जिला चिकित्सालय पहुंचे। इस दौरान एक लावारिस मरीज के शरीर में चींटी चलने, उसकी मौत की जानकारी ली। वहीं बड़ी संख्या में मरीज शिकायत करने पहुंच गए। मामले में अस्पताल प्रबंधन को जमकर फटकारा।
इस दौरान सीएमएचओ डॉ एसएस पैकरा, सर्जन डॉ सुनील गुप्ता को साफ.-साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि इलाज व दवा के अभाव में किसी भी मरीज की मौत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकते है तो पद से इस्तीफा दे दीजिए।
किसी मरीज के पास स्मार्ट कार्ड नहीं है तो उनका वेतन भत्ता ले लो, लेकिन गरीब मरीज का इलाज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को बाहर से दवाई लाने के लिए बाध्य नहीं करना है। जिला चिकित्सालय के औषधि जन केंद्र से ही दवा उपलब्ध करानी है।
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