डिप्टी रेंजर का शव बरामद करने में वन विभाग के पसीने छूट गए। अंधेरा व व बारिश होने के कारण घटना के 5.30 घंटे बाद रात 10 बजे उनका शव बरामद किया गया। इस दौरान वन विभाग की टीम को करीब 2 किलोमीटर पैदल चलकर घटना स्थल तक पहुंचना पड़ा। वहीं केल्हारी में शनिवार को पीएम कराने के बाद शव को उनके गृहग्राम रीवा भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि डिप्टी रेंजर 6 महीने बाद ही रिटायर होने वाले थे।
कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ वनमंडल में 11 जंगली हाथियों का दल शुक्रवार को केल्हारी वनपरिक्षेत्र के शिवपुर-घमाडांड़ पहुंचा था। मामले की जानकारी मिलने के बाद केल्हारी वनपरिक्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर सीताराम तिवारी वन अमला को लेकर घमाडांड़ गए थे। इस दौरान ग्रामीण वापस लौट गए थे जबकि डिप्टी रेंजर एक चौकीदार के साथ वहां रुक गए थे।
इसी बीच उनका सामना हाथियों के दल से हो गया था। इसी बीच एक हाथी ने दोनों को दौड़ाया। हाथी से बचने दोनों भागने लगे, चौकीदार तो जान बचाकर भाग गया लेकिन भारी शरीर के कारण डिप्टी रेंजर नहीं भाग पाए और हाथी से सूंड से उठाकर पटक दिया और पैरों तले रौंद डाला।
दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद मनेंद्रगढ़ वनमण्डल के आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन घटना स्थल काफी दूर और दुर्गम इलाका होने के कारण वन अमला नहीं जा सका था। वहीं बारिश होने व अंधेरे में हाथी दल से डर के कारण टीम नहीं पहुंची थी।
रात 10 बजे बरामद किया गया शव
फॉरेस्ट अमला को रात करीब 9.30 बजे हाथियों के घटनास्थल के पास से अन्यत्र जाने की सूचना मिली। इसके बाद रात करीब 10 बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को बरामद कर केल्हारी लाया।
घटना के दूसरे दिन शनिवार को शव का पीएम कराकर रीवा मध्यप्रदेश के चौरा गांव भेज दिया गया है। इस दौरान सीसीएफ समेत वन विभाग के दर्जनों अधिकारी-कर्मचारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।