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एटीएम का क्लोन बनाकर खाते से लाखों रुपए उड़ाने वाले गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार, वारदात का तरीका जानकर रह जाएंगे हैरान

locationकोरीयाPublished: Jan 20, 2020 09:23:33 pm

Online crime: पुलिस ने आरोपियों के पास से एक कार, 3 एटीएम क्लोनिंग डिवाइस समेत अन्य सामान बरामद किया है, चारों को भेजा गया जेल

एटीएम का क्लोन बनाकर खाते से लाखों रुपए उड़ाने वाले गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार, वारदात का तरीका जानकर रह जाएंगे हैरान

ATM clone gang arrested

बैकुंठपुर. कोरिया जिले की बैकुंठपुर कोतवाली पुलिस ने एटीएम क्लोनिंग कर ऑनलाइन रुपए निकालने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को धरदबोचा। पुलिस ने उनके पास से एक कार, एटीएम क्लोनिंग डिवाइस 3 नग समेत अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
ये बड़ी आसानी से एटीएम के भीतर दाखिल होने वाले लोगों की मदद के बहाने हाथ में रखे डिवाइस से स्केन कर लेते थे, फिर पीछे से पासवर्ड देखकर खाते से ऑनलाइन ट्राजेक्शन कर लेते थे। (Online crime)

कोरिया जिले के ग्राम करजी निवासी जवाहरलाल राजवाड़े व सरभोका निवासी बिंदेश्वर सिंह के एटीएम से 24 अगस्त से 5 सितंबर 2019 के बीच 2.41 लाख रुपए ऑनलाइन निकाल लिया गया था।

मामले में अपराध पंजीबद्ध कर विशेष टीम गठित कर विवेचना शुरू कर दी गई। इस दौरान मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि स्विफ्ट कार से कुछ लोग पटना क्षेत्र में घूम रहे हैं। इसके बाद कोतवाली प्रभारी केएल पटेल की टीम ने घेराबंदी कर 4 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
इसमें राजेश पिता चत्तर सिंह असरफगढ़ हरियाणा, राजेश पिता साहसी धर्मखेड़ी हिसार हरियाणा, तिलकराज पिता जसवंत खैरडीह रोहतक हरियाणा शामिल हैं।

आरोपियों के पास से 58 हजार, 3 नए एटीएम क्लोनिंग डिवाइस, 15 नग एटीएम कार्ड, पॉकेट डायरी, स्विफ्ट कार क्रमांक एचआर 48 ई 3500, एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 66 ए, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेज दिया है।

गिरोह के सदस्य मोबाइल का नहीं करते थे उपयोग
एसपी चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि आरोपीण बहुत शातिर हैं। वे मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करते थे। केवल मोबाइल एप्प डालकर ऑफ लाइन कर एटीएम की डिटेल्स मोबाइल में ट्रांसफर करते थे। यह गिरोह छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार, ओडिशा, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र में एटीएम से पैसा निकालता था।
एटीएम के पास खड़े होकर ग्राहकों की मदद करने के बहाने एटीएम कार्ड को पहले से हाथ में रखे छोटे से स्कैनिंग डिवाइस से स्कैन कर गोपनीय पिन को पीछे से देख लेते थे। उसके बाद एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर दूसरे एटीएम से पैसा निकालते थे।

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