यह बात भी सामने आई कि जल संसाधन विभाग में 2 फोटोकॉपी की मशीन उपलब्ध हैं इसके बावजूद बाहर से फोटोकॉपी कराई गई। मामले में आरटीआई दस्तावेज से जानकारी मिलने के बाद जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष व वर्तमान विधायक गुलाब कमरो ने भारी गड़बड़ी की आशंका जताकर निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की गुहार लगाई थी। इधर मामले में जांच व कार्रवाई की फाइल को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया है।
कोरिया जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने सूचना के अधिकार के तहत जल संसाधन विभाग में पिछले ३ साल में स्टेशनरी के नाम पर बिल भुगतान की जानकारी मांगी थी। आरटीआई से मिले दस्तावेज में तीन साल में 31 लाख 98 हजार खर्च करने और पूर्व मंत्री के कार्यालय में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर को विभागीय खजाने से हर महीने 5000 रुपए तनख्वाह देने का उल्लेख किया गया था।
मामले में नियम विरुद्ध एक स्टेशनरी दुकान से पूर्व मंत्री के कार्यालय में कार्य करने के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर स्टाफ दिया गया था। इसका जल संसाधान के सरकारी खजाने से वेतन भुगतान किया गया है। उन्होंने मिलीभगत कर बिना टीन नंबर और बिना रजिस्टे्रशन के बिल वाउचर का भुगतान करने का आरोप लगाया था।
तात्कालीन कार्यपालन अभियंता ने उक्त स्टेशनरी दुकान का शुभारंभ किया था और सिर्फ उसी दुकान से लाखों की स्टेशनरी खरीदी थी। इसमें नियम कायदे का दरकिनार कर दिया गया था। वहीं सेल्स टैक्स और सर्विस टैक्स की चोरी करने का भी आरोप लगाया गया था। इधर विभाग द्वारा मामले में जांच व कार्रवाई की शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
कार्यालय में दो बड़ी फोटो कॉपी मशीन, लेकिन स्टेशनरी दुकान से फोटो कॉपी कराई
सूचना के अधिकार से मिली जानकारी में जल संसाधन विभाग में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में 3२ लाख 98 हजार ३२३ रुपए का स्टेशनरी सामान एक चिह्नित दुकान से खरीदी और कार्यालय के दस्तावेजों की फोटो कॉपी कराई गई है। वहीं सबसे अधिक कारटेज, प्रिंटर रिपेयरिंग के नाम पर बिल भुगतान किया गया है।
जबकि जल संसाधन विभाग के कार्यालय में दो बड़ी-बड़ी फोटोकापी की मशीन है। कम्प्यूटर से संबंधित सभी कार्य कार्यालय से होता है। शिकायतकर्ता जिला उपाध्यक्ष का कहना है कि बिल भुगतान के किसी भी वाउचर में टिन नंबर अंकित नहीं है। इससे भारी-भरकम राशि में फर्जी लेनदेन के बिल बनाने की भी आशंका है।
जल संसाधन विभाग से हर महीने एक लाख से अधिक का बिल चिह्नित स्टेशनरी दुकान को भुगतान और पूर्व मंत्री के कम्प्यूटर आपरेटर के नाम पर 5 हजार रुपए का बिल भी निकाला गया है।
जांच कर की जाएगी कार्रवाई
चूंकि यह मेरे कार्यकाल से पहले की शिकायत व मामला है। इस कारण शिकायत का अध्ययन कर मामले में जांच व कार्रवाई की जाएगी।
वीएस साहू, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग बैकुंठपुर