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कोटा

चम्बल नाव दुखान्तिका : मेरी ज्योति कहां गई, सुबकता रहा पिता

12 मौतों के बाद जागा प्रशासन, चार अधिकारियों पर गिरी गाज

कोटाSep 17, 2020 / 09:31 am

Ranjeet singh solanki

चम्बल नाव दुखान्तिका : मेरी ज्योति कहां गई, सुबकता रहा पिता

चम्बल नाव दुखान्तिका : मेरी ज्योति कहां गई, सुबकता रहा पिता

कोटा. चम्बल नदी नाव हादसे ने कई परिवारों की खुशियां एक ही पल में छीन ली। नाव सवार 13 वर्षीय ज्योति का अभी तक पता नहीं चला है। सुबह ने उम्मीद के आसूं थामे पिता ओमप्रकाश गुर्जर का शाम तक ज्योति का पता नहीं चलने पर धैर्य जवाब दे गया। वह जो भी अधिकारी आता देखता दौड़ पड़ता और हाथ जोड़कर विनीत करता कि साब मेरी बेटी का पता लगवा दो….नदी से रेस्क्यू टीम शव लेकर बाहर आती तो वह दौड़ पड़ता और ज्योति को देखता, लेकिन 11 शव बाहर निकालने के बाद भी ज्योति का कोई पता नहीं चल पाया। शाम ढलते-ढलते तो अन्य परिजनों की मौत का दर्द सीने में दबाकर बैठे ओम प्रकाश फफक पड़ा। हे…रामजी मेरे साथ ऐसा क्यों किया….कोई तो मेरी ज्योति को ढूंढ़कर लाओ..। इस नाव में ओम प्रकाश का बेटा लोकेश और बड़े भाई की पत्नी प्रेमबाई भी सवार थी। प्रेमबाई का शव मिल चुका है। लोकेश को लोगों ने बचा लिया था। उधर प्रशासन 11 लोगों की मौत के बाद एक्शन में आया है। चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। नाव चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बूंदी जिले के चाणदा कलां व कोटा जिले के बैजपुर गांव के निकट चम्बल नदी के बैजपुर घाट पर बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे लगभग नाव अचानक चम्बल नदी में डूब गई। इस हादसे की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। जिसने भी सुना चाणदा कलां गांव के निकट चम्बल के घाट की ओर दौड़ पड़ा। यह नाव बैजपुर घाट से चाणदा कलां घाट पर आने के लिए रवाना हुई थी। तकरीबन एक सौ फ ीट का सफर तय करने के बाद ही अचानक नाव असंतुलित होकर चम्बल नदी में समा गई। इससे चहुंओर चीख पुकार मच गई।
संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक ने लिया जायजा

जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ और ग्रामीण एसपी शरद चौधरी तथा बूंदी जिला कलक्टर आशीष गुप्ता, बूंदी एसपी शिवलाल मीणा भी मौके पर पहुंचे। बाद में संभागीय आयुक्त के.सी. मीणा और कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. रविदत्त गौड़ भी मौके पर पहुंचे और बचाव व राहत कार्य का जायजा लेकर आवश्यक निर्देश दिए।

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