हादसे की आंशका
यहां पंचायत भवन से महज 20 फीट दूरी पर बेगूं-रावतभाटा मुख्य मार्ग है। दिनभर वाहनों की आवाजाही रहती है। ऐसे में पंचायत भवन की छत पर लगे टावर के गिरने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके अलावा टावर के नीचे ग्यारह हजार वोल्ट की विद्युत लाइन भी निकल रही है। ग्राम पंचायत की दुकानें बनी हुई हैं। दिनभर ग्रामीणों की भीड़ रहती है। ऐसे में दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पुरानी पंचायत के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि जब भी हवा चलती है तो टावर के हिलने से गिरने से डर से रात को नींद नहीं आती।
बोराव के सामाजिक कार्यकर्ता पवन जैन कहते हैं कि पंचायत के पुराने भवन पर व्यर्थ खड़े इस टावर को हटाने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। तेज हवा च्चलने मात्र पर यह लहराने लगता है, गिरने की आशंका बनी रहती है।
ग्रामीण राजू राठौर ने बताया कि मेरा मकान पंचायत भवन के पास ही है। रात को हवा चलने के साथ ही टावर हिलता रहता है। गिरने के भय से रात को नींद नहीं आती।
दुकानदार पंकज जैन भी बताते हैं कि यह टावर पुरानी पंचायत की छत पर लगा हुआ है। ऊंचाई काफी ज्यादा है, इसके पास ही 11 केवी विद्युत लाइन व बेगूं-रावतभाटा मुख्य मार्ग निकल रहा है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। गत बुधवार को तेज हवा चलने से यह झुक गया है।
ग्रामीण बताते हैं कि एक दशक पूर्व बोराव व श्रीपुरा ग्राम पंचायत को इंटरनेट सेवा से जोडऩे के लिए टावर लगाए गए थे, लेकिन श्रीपुरा ग्राम पंचायत के छत पर लगा टावर वर्ष अगस्त 2014 में तेज आंधी के गिर चुका है।
मामले में पत्रिकाडॉटकॉम ने जब ग्राम विकास अधिकारी बोराव गणपतलाल शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि पंचायतों को इंटरनेट सेवा से जोडऩे के लिए पंचायत भवन पर टावर लगाया था, लेकिन लगने के बाद इसका उपयोग नहीं हुआ। गिरने का खतरा बनने पर इसको हटाने के लिए ग्राम पंचायत की बैठक में प्रस्ताव लेकर पंचायत समिति विकास अधिकारी को भेज दिया है।