राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अधिशासी अभियंता (नवीकरण, आधुनिकीकरण और उन्नयन) संजय जोशी ने बताया कि 1983-84 में तत्कालीन अधिकारियों ने जवाहर सागर डेम पर पम्प स्टोरेज प्लांट स्थापित करने की डीपीआर बनाई थी। इसमें 200 मेगावाट के इस प्लांट में 100-100 मेगावाट की दो यूनिट स्थापित की जाएंगी।
बांध के नजदीक एक ऊंची पहाड़ी है। यह पहाड़ी मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के अधीन है। इस पहाड़ी पर बड़ा वाटर रिजर्व बनाया जाएगा। इसमें जवाहर सागर डेम की अपस्ट्रीम से पानी ऊपर चढ़ाया जाएगा।
पहाड़ी पर बनाए गए वाटर रिजर्व से पानी टरबाइन के जरिए छोड़ा जाएगा, इससे बिजली उत्पादन होगा। पहाड़ी पर वाटर बॉडी बनाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति ली जाएगी। इमरजेंसी में यहां की बिजली काम आएगी।
बता दें कि पहली बार साल 1982 में जवाहर सागर डैम पर पंप स्टोरेज प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई थी। 200 मेगावाट के इस प्लांट में 100-100 मेगावाट की दो यूनिट स्थापित की जानी थी। पीएसपी प्लांट के लिए 1983-84 डीपीआर बनाई गई थी। तब इस काम पर करीब 150 करोड़ के खर्च का अनुमान था। लेकिन, अब माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट पर करीब 600 करोड़ का खर्च आएगा।