scriptकोटा में डेंगू के नए 28 रोगी सामने आए | 28 new dengue patients appeared in Kota | Patrika News
कोटा

कोटा में डेंगू के नए 28 रोगी सामने आए

कोटा में अब तक 782 केस सामने आ चुके है। डेंगू ने 2018 का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। 2018 में 759 डेंगू मरीज मिले थे। जबकि स्क्रबटायफस के 93, चिकनगुनिया के 16 व मलेरिया के 2 मरीज मिले हैं।

कोटाOct 20, 2021 / 11:23 pm

Jaggo Singh Dhaker

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कोटा. कोटा जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। रोजाना बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। इससे चिकित्सा विभाग की चिंता बढ़ती जा रही है। चिकित्सा विभाग के अनुसार, बुधवार को डेंगू के 28, स्क्रब टायफस व चिकनगुनिया का 1-1 मरीज सामने आया है। डेंगू के इस सीजन में कोटा में अब तक 782 केस सामने आ चुके है। डेंगू ने 2018 का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। 2018 में 759 डेंगू मरीज मिले थे। जबकि स्क्रबटायफस के 93, चिकनगुनिया के 16 व मलेरिया के 2 मरीज मिले है। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कोटा सहित प्रदेशभर के हालत की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी का कुशल प्रबंधन किया, उसी तत्परता के साथ डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम, बचाव एवं उपचार सुनिश्चित किया जाए। जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग एवं स्थानीय निकाय पूरे समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता एवं जागरूकता बढ़ाकर मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण करें। किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हो। गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौसमी बीमारियों एवं कोविड टीकाकरण अभियान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के चिकित्सा प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती पैदा की और तीसरी लहर की आशंका अभी बनी हुई है। ऐमें कोई मौसमी बीमारी महामारी का रूप ना ले, उसके लिए जन सहयोग के साथ पूरी तैयारी की जाए। जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार एवं बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हों। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 3 नवम्बर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान चलाया जा रहा है। मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए रैपिड रेस्पांस टीम का गठन किया गया है। साथ ही सभी जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। मौसमी बीमारियों को लेकर जिला स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है।
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