कोटा

JEn रिश्वत मामला: जेईएन ने करवाई एसीबी की बोनी, चंद पैसे के लिए बेचा ईमान

एसीबी की टीम ने गुरुवार को नगर विकास न्यास के कनिष्ठ अभियंता(जेईएन) को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए उसके कार्यालय से ही रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

कोटाJan 05, 2018 / 09:06 am

​Zuber Khan

कोटा.
एसीबी की टीम ने गुरुवार को नगर विकास न्यास के कनिष्ठ अभियंता(जेईएन) को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए उसके कार्यालय से ही रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसने यह रकम एक ऑटो चालक को उसके मकान लोन के लिए एनओसी जारी करने की एवज में ली थी। इस साल की एसीबी की कोटा संभाग में यह पहली कार्रवाई है।

यह भी पढ़ें

बहन को लाने का बहाना कर किराए पर ली टवेरा, फिर सुनसान रास्ता देख कर डाला ड्राईवर पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला


एसीबी के निरीक्षक विवेक सोनी ने बताया कि हरिओम नगर निवासी राजेन्द्र राठौर व विवेकानंद नगर निवासी विक्रम सिंह हाड़ा ने 2 जनवरी को एसीबी चौकी में शिकायत दी थी। जिसमें कहा था कि राजेन्द्र ने हरिओम नगर स्थित अपने मकान पर लोन लिया था। जिसके लिए नगर विकास न्यास से एनओसी लेनी थी। एनओसी के लिए उसने न्यास की एकल खिड़की पर 11 दिसम्बर को आवेदन किया था। जिस पर उन्हें 26 को एनओसी जारी करने की तिथि अंकित कर रसीद दी थी।
जब वह निर्धारित तिथि पर एकल खिड़की गया तो वहां पता चला कि अभी तक तो उसकी फाइल ही नहीं आई है। इस पर जब उसने संबंधित जेईएन विमल कुमार माहेश्वरी से सम्पर्क किया तो उसने पहले 7 हजार रुपए की मांग की। बाद में 5 हजार रुपए लेने पर राजी हुआ। उसने रकम लेकर फरियादी को गुरुवार को अपने कार्यालय में बुलाया था।
 

यह भी पढ़ें

70 साल बाद रोशन हुआ कोटा का खानपुरया गांव, पहली बार घरों में जला लट्टू तो खिल उठे चेहरे



रिश्वत की राशि पेंट की जेब से बरामद

एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। जिसमें रिश्वत की मांग करना प्रमाणित होने पर गुरुवार को निरीक्षक अजीत बागडोलिया के साथ पूरी टीम ने मिलकर ट्रेप की कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान वीर सावरकर निवासी विमल कुमार माहेश्वरी को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की राशि उसकी पेंट की पीछे की जेब से बरामद की गई। माहेश्वरी तीन साल से यूआईटी में है। जिस समय एसीबी ने यह कार्रवाई की उस समय कार्यालय में न्यास के अधिकतर अधिकारी मौजूद थे। एसीबी की इस साल की कोटा संभाग में यह पहली कार्रवाई है।
 

यह भी पढ़ें

77 करोड़ खर्च फिर भी चंबल का पानी जहरीला, मगरमच्छ तोड़ रहे दम, मछलियां कर रही मौत से संघर्ष



22 को तहसीलदार ने की रिपोर्ट
एसीबी निरीषक विवेक सोनी ने बताया कि मौके पर जब देखा तो फरियादी की फाइल पर तहसीलदार बद्रीलाल ने 22 दिसम्बर को रिपोट की है। इसके बाद से उस फाइल पर कुछ भी लिखा हुआ नहीं है। 11 से 26 के बीच में सिर्फ 22 तारीख को फाइफ पर रिपोर्ट अंकित है। जबकि 11 दिसम्बर को आवेदन के समय ही फरियादी को 26 दिसम्बर को एनओसी जारी करने की तिथि तय कर दी थी। इससे जेईएन की मंशा साफ जाहिर हो रही थी कि वह काम अटकाकर रकम वसूलना चाहता था।
 

यह भी पढ़ें

जिंदगी पर दांव : हर दिन मौत से लड़ते हैं 15 गांव के लोग…जानिए कैसे



मचा हडकम्प, खाली हुई कई सीट
जैसे ही एसीबी की कार्रवाई हुई वैसे ही पूरे न्यास कार्यालय में हडकम्प मच गया। मौके पर कर्मचारियों व लोगों की भीड़ जमा हो गई। कई कर्मचारी तो अपनी सीट छोड़कर ही इधर-उधर चले गए।

संबंधित विषय:

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.