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कोटा

‘उनके’ राशन से भर रहे थे ‘खुद का पेट’…

पुराना स्टॉक होने के बावजूद रसद विभाग ने नहीं की रिकवरी व कार्रवाई, जब्त रिकॉर्ड में एसीबी को मिली भारी गड़बडि़यां

कोटाMay 25, 2018 / 11:52 pm

shailendra tiwari

KOTA

‘उनके’ राशन से भर रहे थे ‘खुद का पेट’…

कोटा . राशन वितरण में होने वाली गड़बडि़यों को रोकने के लिए करीब पौने दो साल पहले शुरू की गई ऑनलाइन व्यवस्था भी कारगर साबित नहीं हो सकी। रसद विभाग के कुछ अधिकारियों व राशन डीलरों ने मिलीभगत कर ऑनलाइन व्यवस्था में भी गड़बडि़यां कर लोगों का राशन डकार लिया और राशन की कालाबाजारी कर मुनाफा कमाने लगे। एसीबी ने जब रसद विभाग से जब्त रिकॉर्ड को खंगाला तो उसमें भारी गड़बडि़यां सामने आई हैं। रसद विभाग द्वारा चुनिंदा राशन डीलरों को तो बार-बार और निर्धारित से अधिक राशन सप्लाई किया गया, जबकि कुछ को निर्धारित से भी कम राशन दिया गया। साथ ही, राशन डीलरों के पास पुराना स्टॉक होने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। गड़बडि़यों के संबंध में एसीबी अधिकारी विभाग के अधिकारियोंं से पूछताछ कर सकते हैं।
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बीपीएल और अन्त्योदय योजना के तहत उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले गेहूं व केरोसिन लोगों को पूरा और समय पर नहीं मिलने की शिकायतों पर एसीबी टीम ने एक दिन पहले जिला रसद अधिकारी कार्यालय और ५ राशन दुकानों पर छापे मारे थे। एसीबी ने काफी रिकॉर्ड जब्त किया। कार्यालय से जब्त करीब दो साल के रिकॉर्ड की शुक्रवार को अधिकारियों ने दिनभर जांच की। अभी तक की जांच के दौरान रिकॉर्ड में भारी गड़बडि़यां सामने आई हैं।
इस तरह की मिली गड़बडि़यां
एसीबी सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में शहर के करीब १५ से अधिक ऐसे राशन डीलरों का रिकॉर्ड मिला है, जिन्हें उनके यहां निर्धारित राशन कार्ड व उपभोक्ताओं से काफी अधिक और बार-बार गेहूं व केरोसिन सप्लाई किया गया। कुछ का ऐसा भी रिकॉर्ड मिला है जहां जरूरत के हिसाब से भी उन्हें राशन की सप्लाई नहीं की गई। सूत्रों के अनुसार ऐसे में जिन्हें अधिक राशन सप्लाई किया गया या तो उनके यहां उपभोक्ता फर्जी हैं या फिर इसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है, इसकी जांच की जाएग़्ाी। नियमानुसार बीपीएल को प्रति व्यक्ति 5 किलो और अन्त्योदय के तहत प्रति राशन 35 किलो गेहूं और ढाई लीटर केरोसिन देने का प्रावधान है।
स्टॉक होने के बाद भी कार्रवाई नहीं

एसीबी सूत्रों के अनुसार रिकॉर्ड की जांच करने पर पता चला कि ऑनलाइन सिस्टम शुरू होने से पहले कई राशन डीलरों के पास पुराना स्टॉक पड़ा था। इसकी रिकवरी की जानी थी और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जानी थी, लेकिन विभाग ने ऐसा नहीं किया और उन डीलरों को लगातार नई सप्लाई देते रहे।

पोस मशीनों में ही एंट्री नहीं
जांच में ऐसी भी गड़बडि़यां मिली हैं जिसमें राशन डीलरों को माल तो सप्लाई कर दिया गया, लेकिन उनकी एंट्री पोस मशीनों में नहीं है। एसीबी इसकी भी जांच करेगी कि ऐसा क्यों और कब से हो रहा है।
प्रथम दृष्टया रिकॉर्ड में गड़बड़ी मिल रही

रसद विभाग से जब्त किए गए रिकॉर्ड की जांच में कई तरह की गड़बडि़यां मिली हैं। उनकी गहनता से जांच की जा रही है। जिन डीलरों को अधिक व बार-बार राशन सप्लाई किया गया है, उनकी जांच की जा रही है। ऐसे उपभोक्ताओं को भी तलाश किया जाएगा, जिन्हें फर्जी राशन सप्लाई करना सामने आ रहा है। इस संबंध में विभागीय अधिकािरयों से भी पूछताछ की जा सकती है।
ठाकुर चंद्रशील, एएसपी एसीबी

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