गांव से साथ निकले थे पिता-पुत्र, मौत बनकर आया ट्रक और छीन गया परिवार की खुशियां रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि जीआरपी थाने से उन्हें सूचना मिली कि उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले निवासी एक 17 वर्षीय बालिका टीटीई मनोज कुमार को ट्रेन में सफर करते नजर आई। इस पर संदेश होने पर उन्होंने रेलवे चाइल्ड लाइन टीम को बालिका के निराश्रित होने की सूचना दी। इस पर चाइल्ड लाइन की सदस्य रेखा कुमारी व जीआरपी थाने से प्रतीक सेन बालिका के पास पहुंचे। उन्होंने बालिका से पूछताछ की, तो यह सारा मामला उजागर हुआ। बालिका ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि वह लखनऊ में प्रथम वर्ष की छात्रा है। उसे एक व्यक्ति मिला। जिसने उससे धीरे-धीरे संपर्क बढ़ाया और उसे मुम्बई में नौकरी दिलवाने की बात कही। इस पर वह उसके साथ मुबंई में नौकरी के लिए जा रही थी, लेकिन कोटा स्टेशन पर पहुंचते ही बालिका को व्यक्ति के व्यवहार पर संदेह हुआ, तो वह उसे चकमा देकर ट्रेन से उतर गई। बालिका को बाल कल्याण समिति अध्यक्षा कनीज फातिमा के समक्ष पेश किया गया। किशोरी को अग्रिम कार्रवाई तक राजकीय बालिका गृह में आश्रय दिलाया गया। जीआरपी पुलिस व समिति बालिका के परिजनों से संपर्क में जुट गई है।
इनका कहना है एक नाबालिक लड़की देर रात 1.45 पर आई थी। पूछताछ में लखनऊ में पढ़ाई करना बताया है। लड़की के माता-पिता गांव में रहते है। व्यक्ति द्वारा बालिका को रुपए देने की बात भी सामने आई है। लड़की काउंसलिंग जारी है। परिजनों के आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
कनीज फातिमा, अध्यक्ष,
बाल कल्याण समिति, कोटा। नाबालिक लड़की को एक अधेड़ व्यक्ति नौकरी के बहाने मुबंई ट्रेन से लेकर जा रहा था। लेकिनए बालिका मुबंई नहीं जाकर कोटा स्टेशन पर ही उतर गई। मामले में उसे मुम्बई ले जाने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। परिजनों को सूचना कर दी गई है। उनके आने के बाद ही तफ्तीश आगे बढ़ पाएगी। जिस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
संदीप कुमार, थानाधिकारी,
जीआरपी, कोटा।