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कोटा

बाढ़ का मुआवजा मकान मालिक को मिलना था, किराएदार की हो गई मौज

पीडि़त परिवारों का सर्वे सूची में नाम तक नहीं

कोटाFeb 10, 2020 / 01:36 pm

Jaggo Singh Dhaker

बाढ़ के मुआवजे में मनमर्जी : किराएदार को दिया, मकान मालिक खाली हाथ

बाढ़ के मुआवजे में मनमर्जी : किराएदार को दिया, मकान मालिक खाली हाथ

कोटा. चम्बल के बाढ़ पीडितों को सरकार ने मुआवजा तो बांट दिया है। अब मुआवजा बांटने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसमें कई अनियमितताएं सामने आ रही है। किसी के पूरे परिवार को ही मुआवजा राशि दे दी गई तो जिसका बाढ़ में सब-कुछ बह गया था वह खाली हाथ प्रशासन के चक्कर लगा रहा है। एक दर्जन से अधिक बाढ़ पीडि़तों ने पत्रिका कार्यालय आकर उनका नाम सर्वे सूची में शामिल नहीं करने की शिकायत की। इसके बाद पत्रिका टीम ने बाढ़ प्रभावित बस्ती में पड़ताल की तो सच सामने आया। बाढ़ पीडि़तों ने बताया कि बस्तियों में नगर निगम, यूआईटी व तहसील कर्मचारियों ने दो-तीन बार सर्वे किया। पीडि़तों का कहना था कि एक ही गली में एक जैसे हालात थे। एक को 5200 रुपए मिले, जबकि दूसरे को 95100 रुपए। ऐसा लगता है जैसे मनमर्जी के मुआवजे में बंदरबांट हुई है।

शिवजी की बावड़ी
शिवजी की बावड़ी बस्ती कृषि भूमि पर बसी है। यहां करीब 40-50 मकान बने हैं। यहां किसी भी मकान का पट्टा नहीं बना है। केवल रजिस्ट्री है। यहां सभी मकान बाढ़़ के पानी से घिर गए थे, लेकिन सहायता राशि कुछ लोगों को ही मिली।

एक पैसा भी नहीं मिला
शिवजी की बाड़ी निवासी हरिनारायण माली ने बताया कि दो मंजिला मकान है। कृषि भूमि होने से पट्टा तो नहीं बन पाया, लेकिन मकान की रजिस्ट्री है। बाढ़ में एक मंजिल पूरी पानी में डूब गई थी। मकान में रखा रसोई से लेकर घर का सामान पूरी तरह खराब हो गया। सर्वे में नाम जुड़ गया और 95 हजार 100 रुपए स्वीकृत भी हो गए, लेकिन अभी तक खाते में एक पैसा भी नहीं आया।
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पहली सूची में नाम था
शिवजी की बाड़ी निवासी ममता नागर ने बताया कि तीन मंजिला मकान की डेढ़ मंजिल पानी में डूब गई थी। मकान व दुकान में सामान का काफी नुकसान हुआ। नीचे की मंजिल तो रहने लायक भी नहीं बची। प्रशासन की ओर से तात्कालिक सहायता के रूप में 3800 रुपए दिए। इसी मकान में रह रहे किरायेदार सोनू कुमार को भी 3800 रुपए की साहयता दी गई। सर्वे की पहली लिस्ट बनी उसमें नाम था। दूसरी लिस्ट में पीडि़तों की सूची से नाम हट गया, जबकि मेरे सामने वाले मकान मालिक बाप-बेटे दोनों को सहायता राशि मिल गई।

पिता-पुत्र को दे दिया
जगदीश अग्रवाल ने बताया कि वे यहां किराए से रह रहे हैं। मकान मालिक से ज्यादा नुकसान नीचे रहने वाले किरायेदारों का हुआ। हमें न तो तात्कालिक सहायता राशि मिली न ही सर्वे रिपोर्ट में नाम आया, जबकि मकान मालिक ऊपरी मंजिल में रहते हैं। उन्हें 5200 रुपए तथा बेटे को 95100 रुपए सहायता राशि मिल गई। इस बस्ती में ऐसे कई किराएदार हैं, जिन्हें सहायता राशि दे दी गई। अब हम सहायता राशि नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं। मकान मालिक कमरा खाली करने का दबाव बना रहा है।

एक मकान, तीन भाई, एक को कुछ नहीं मिला
स्थानीय निवासी मुकेश अग्रवाल ने बताया कि एक ही मकान के अलग-अलग हिस्सों तीन भाई रहते हैं। उन्होंने बताया कि मेरे सबसे छोटे भाई दिनेश व दूसरे भाई जेपी अग्रवाल को 5200 रुपए सहायता राशि मिल गई। मुझे कुछ भी नहीं मिला। उनका कहना था कि सभी भाईयों को सहायता राशि समान रूप से मिलनी चाहिए थी।

पक्षपात किया
खाई रोड स्थित व्यापारी राजेन्द्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि उसकी अनाज की दुकान है। बाढ़ के पानी से दुकान में रखी अनाज की बोरियां खराब हो गई थी। सर्वे लिस्ट में नाम था, बाद में गायब हो गया।

सर्वे में नाम नहीं
खाई रोड व्यापारी चंद्रवीर सिंह, गुलाब कुमार, राजेश कुमार, रामभरोस व विनोद कुमार ने बताया कि बाढ़ से दुकानों का सारा सामान खराब हो गया था। तात्कालिक सहायता मिलना तो दूर की बात, सर्वे करने आए यूआईटी, निगम व तहसील के कर्मचारियों ने नाम लिखकर ले जाने के बावजूद सर्वे लिस्ट में ही नाम नहीं है।

हमारा केवल सहयोग था
न्यास सचिव भवानी सिंह पालावत ने बताया कि बाढ़ राहत मुआवजे में न्यास की ओर से भेदभाव का आरोप गलत है। न्यास ने सर्वे में सहयोग किया था। फाइनल सर्वे तहसीलदार व कलक्टर के स्तर पर हुआ है। फिर भी कोई पीडि़त रह गया है तो उसे तहसील व कलक्ट्रेट में लिखित में शिकायत करनी चाहिए।

फाइनल सर्वे निगम का
तहसीलदार गजेन्द्र सिंह ने बताया कि फाइनल सर्वे नगर निगम ने किया था। इसी को सरकार के पास भेजा गया था। इसी आधार पर ही सहायता राशि स्वीकृत हुई थी। मकान मालिक की मकान के आगे खड़ा कर फोटो तो खींची नहीं गई। ऐसे में हो सकता है मकान मालिक की जगह किराएदार को सहायता राशि मिल गई हो। उन्होंने बताया कि हो सकता है कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए हो और उन्हें मुआवजा नहीं मिला हो, लेकिन इसका फैसला सरकार के स्तर पर ही हो सकता है।

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