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अव्यवस्था: बैक आने पर आरटीयू में सालभर इंतजार, बीटीयू में छह माह बाद एग्जाम

बीटीयू ने खत्म की रिलेटिड सेमेस्टर की बाध्यता…आरटीयू में ऑड या इवेन के आधार पर होती बैक छात्रों की परीक्षा

कोटाMar 23, 2019 / 09:15 pm

Suraksha Rajora

After coming back to RTU, waiting for year, exams BTU after six months

अव्यवस्था: बैक आने पर आरटीयू में सालभर इंतजार, बीटीयू में छह माह बाद एग्जाम

कोटा. प्रदेश में इंजीनियरिंग परीक्षा में बैक आने पर आरटीयू व बीटीयू में अलग-अलग व्यवस्था है। एक ही प्रदेश में दोहरी नीति के चलते छात्रों को परेशानी का उठानी पड़ेगी। सेमेस्टर या रिवेल्युएशन में फेल होने या बैक आने पर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) के छात्रों को पास होने के लिए सालभर इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) स्थापना वर्ष से ही छात्रों को बड़ी सहूलियत देते हुए छह महीने में दी दोबारा परीक्षा का मौका देगी।
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राज्य के सबसे पुराने तकनीकी विश्वविद्यालय आरटीयू में सेमेस्टर प्रणाली लागू होने के बाद से ही सत्र परीक्षाओं में फेल या किसी प्रश्नपत्र में बैक लाने वाले छात्रों को दोबारा परीक्षा के लिए सालभर इंतजार करना पड़ता है। ऑड सेमेस्टर के छात्र रिलेटिड ऑड और इवेन सेमेस्टर के छात्र रिलेटिड इवेन में ही एग्जाम दे पाते हैं। हालांकि विवि प्रशासन करीब सालभर से रिलेटिड सेमेस्टर स्कीम को खत्म कर करंट सेमेस्टर में फेल हुए हैं उसके अगले सेमेस्टर की परीक्षाएं कराने के प्रयास कर रहा है, लेकिन कागजी खानापूर्ति के चलते इस प्रस्ताव को अमल में नहीं लाया जा सका है।
बीटीयू ने दी सहूलियत


जबकि रिवेल्युएशन, बैक और सेमेस्टर एग्जाम में पूरी तरह से फेल होने वाले छात्रों को रिलेटिड सेमेस्टर (ऑड और ईवेन) का इंतजार कराए बिना बीटीयू ने अगले ही सेमेस्टर की परीक्षाओं में ऐसे छात्रों को शामिल होने की सौगात दी है। पिछली परीक्षाएं पास किए बिना ही अगले सत्रों में दाखिला लेने वाले छात्रों के तनाव और परीक्षाओं का बोझ खत्म करने के लिए बीटीयू ने रिलेटिड सेमेस्टर स्कीम को खत्म कर करंट सेमेस्टर एग्जाम स्कीम की शुरुआत की है।
कुलपति प्रो. एचडी चारण ने बताया कि इस फैसले के लागू होने के बाद पहले (ऑड) सेमेस्टर के छात्रों को बैक देने के लिए अब तीसरे सेमेस्टर का इंतजार नहीं करना होगा। वह दूसरे सेमेस्टर (ईवेन) में भी एग्जाम दे सकता है। परीक्षाओं का शिड्यूल इस तरह बनाया जाएगा कि दोनों परीक्षाएं देने के लिए छात्रों को पर्याप्त समय मिल सकेगा।
सहूलियत ने बढ़ाई मुश्किल


शिक्षकों एवं छात्रों की सहूलियत के लिए आरटीयू एक दिन में सिर्फ एक ही परीक्षा कराता है। जिसके चलते करीब ढ़ाई महीने परीक्षाएं में ही खप जाते हैं। यही सहूलियत छात्रों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत साबित हो रही है। रिलेटिड सेमेस्टर में एग्जाम देने की वजह से जो छात्र शुरुआती सेमेस्टर में फेल हो जाते हैं वे पूरा बीटेक करने के बाद भी कई मर्तबा बचे हुए इन प्रश्रपत्रों को क्वालिफाई नहीं कर पाते।
जबकि एआईसीटीई ने भावी अभियंताओं के सिर से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए पहले और दूसरे सेमेस्टर में दो-दो प्रश्रपत्रों के पांच काम्बिनेशन बनाए हैं। जिनमें से कोई पांच पेपर छात्र पहले सेमेस्टर में पढ़ और उनकी परीक्षा दे सकता है। जबकि दूसरे सेमेस्टर में बाकी पांच की।
अभी तक एक ही शिफ्ट में परीक्षा होती है और ऑड सेमेस्टर में सिर्फ ऑड के सब्जेक्ट का ही पेपर छपवाया जाता है। परीक्षा विभाग ने दो पारियों में परीक्षा कराने और ऑड के साथ इवेन के प्रश्रपत्र भी तैयार कराने का प्रस्ताव बनाया था, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिल सकी है। उम्मीद है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से छात्रों के लिए इस सहूलियत की शुरुआत कर दी जाएगी।
प्रो. एके द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक, आरटीयू

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