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राज्य के सबसे पुराने तकनीकी विश्वविद्यालय आरटीयू में सेमेस्टर प्रणाली लागू होने के बाद से ही सत्र परीक्षाओं में फेल या किसी प्रश्नपत्र में बैक लाने वाले छात्रों को दोबारा परीक्षा के लिए सालभर इंतजार करना पड़ता है। ऑड सेमेस्टर के छात्र रिलेटिड ऑड और इवेन सेमेस्टर के छात्र रिलेटिड इवेन में ही एग्जाम दे पाते हैं। हालांकि विवि प्रशासन करीब सालभर से रिलेटिड सेमेस्टर स्कीम को खत्म कर करंट सेमेस्टर में फेल हुए हैं उसके अगले सेमेस्टर की परीक्षाएं कराने के प्रयास कर रहा है, लेकिन कागजी खानापूर्ति के चलते इस प्रस्ताव को अमल में नहीं लाया जा सका है।
जबकि रिवेल्युएशन, बैक और सेमेस्टर एग्जाम में पूरी तरह से फेल होने वाले छात्रों को रिलेटिड सेमेस्टर (ऑड और ईवेन) का इंतजार कराए बिना बीटीयू ने अगले ही सेमेस्टर की परीक्षाओं में ऐसे छात्रों को शामिल होने की सौगात दी है। पिछली परीक्षाएं पास किए बिना ही अगले सत्रों में दाखिला लेने वाले छात्रों के तनाव और परीक्षाओं का बोझ खत्म करने के लिए बीटीयू ने रिलेटिड सेमेस्टर स्कीम को खत्म कर करंट सेमेस्टर एग्जाम स्कीम की शुरुआत की है।
शिक्षकों एवं छात्रों की सहूलियत के लिए आरटीयू एक दिन में सिर्फ एक ही परीक्षा कराता है। जिसके चलते करीब ढ़ाई महीने परीक्षाएं में ही खप जाते हैं। यही सहूलियत छात्रों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत साबित हो रही है। रिलेटिड सेमेस्टर में एग्जाम देने की वजह से जो छात्र शुरुआती सेमेस्टर में फेल हो जाते हैं वे पूरा बीटेक करने के बाद भी कई मर्तबा बचे हुए इन प्रश्रपत्रों को क्वालिफाई नहीं कर पाते।
प्रो. एके द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक, आरटीयू