video : जीवित रहते हुए सांसें थीं देश के नाम और अब मौत के बाद देह भी कर दी समर्पित, पढि़ए इस समर्पण की कहानी…
एक सिपाही के रूप में पूरी जिंदगी देश की सेवा करने वाले इन्दरसिंह गौड़ के मरने के बाद भी उनकी देह देश के काम आ पाएगी। देश सेवा को ही जीवन में सर्वोपरि मानने वाले गौड़ की देह को आरएनटी मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स के ज्ञानवर्धन के लिए दान कर दी।
एक सिपाही के रूप में पूरी जिंदगी देश की सेवा करने वाले इन्दरसिंह गौड़ के मरने के बाद भी उनकी देह देश के काम आ पाएगी।
देश सेवा को ही जीवन में सर्वोपरि मानने वाले गौड़ की देह को आरएनटी मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स के ज्ञानवर्धन के लिए दान कर दी।
शहर के रामपुरा चैराहे के समीप रहने वाले गौड़ ने भारतीय सेना में रहते हुए सन 1962, 1965 और 1971 की लड़ाइयां लड़ीं थीं।
सेना में अपनी सेवाओं को पूर्ण करने के बाद वे अपने परिवार के साथ रह रहे थे। लेकिन, पिछले कुछ समय से वे बीमार चल रहे थे।
इस दौरान उन्होंने परिजनों को मौत के बाद उनकी देह को आरएनटी मेडिकल कॉलेज में दान करने की इच्छा जताई थी। जिससे देश के भावी चिकित्सक उनकी देह का इस्तमाल अपनी पढ़ाई को पूरा करने में कर सकें।
इन्दरसिंह गौड़ ने शनिवार को अन्तिम सांस ली और उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए परिजनों ने उनकी देह को आरएनटी मेडिकल कॉलेज में दान कर दिया। इस दौरान गौड़ के परिजनों के अलावा उनके कई करीबी दोस्त भी मौजूद रहे।